Jharkhand News: अदालत ने पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल दो नक्सलियों को क्यों किया रिहा, जानें पूरा मामला

गिरफ्तारी के बाद नक्सली गणेश सिंह मुंडा तथा त्रिभुवन सिंह मुंडा उर्फ अजय ने स्वीकारोक्ति बयान दिया था. जिसमें उसने कहा था कि दो माह से उनका दस्ता पुलिस पर केन बम से हमला कर उनकी हत्या की फिराक में था

By Prabhat Khabar News Desk | February 16, 2023 10:40 AM

अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने बुंडू से 2012 में पकड़े गये दो नक्सलियों गणेश सिंह मुंडा और त्रिभुवन सिंह मुंडा उर्फ अजय को रिहा कर दिया. दोनों को तत्कालीन बुंडू थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह (वर्तमान में जगन्नाथपुर थाना प्रभारी), केस के आइओ कानूराम होनहागा, पुलिसकर्मी बजरंग साहू, चामर सिंह और लिट्टा लोहरा ने पहचानने से इनकार कर दिया. इस पर अदालत ने दोनों को रिहा कर दिया. 2012 से 2023 तक इस मामले में ट्रायल चला. दोनों नक्सली वर्तमान में जमानत पर थे.

केन बम लगाकर पुलिसकर्मी की हत्या करनेवाले थे नक्सली :

गिरफ्तारी के बाद नक्सली गणेश सिंह मुंडा तथा त्रिभुवन सिंह मुंडा उर्फ अजय ने स्वीकारोक्ति बयान दिया था. जिसमें उसने कहा था कि दो माह से उनका दस्ता पुलिस पर केन बम से हमला कर उनकी हत्या की फिराक में था. उस दस्ते में दोनों नक्सलियों के अलावा वीरेंद्र सिंह मुंडा, फागू मुंडा और पुष्कर सिंह मुंडा शामिल थे.

इसकी गुप्ता सूचना एसएसपी को मिली थी, एसएसपी ने एसडीपीओ शंभु प्रसाद के नेतृत्व में टीम बनायी. टीम ने 30 अगस्त 2012 को बुंडू में पड़नेवाले परासी जंगल में छापेमारी की. दस्ते में शामिल नक्सली भागने लगे. इस क्रम में पुलिस ने नक्सली त्रिभुवन सिंह मुंडा को गिरफ्तार कर लिया. फिर उसकी निशानदेही पर नक्सली गणेश सिंह मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करनेवाले वादी तत्कालीन बुंडू थानेदार अरविंद सिंह, आइओ थाना कानूराम होनहागा सहित आठ पुलिसकर्मी जो गवाह थे, सभी ने पहचाने से इनकार कर दिया.

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