रांची : भाकपा माओवादी नक्सल संगठन के हार्डकोर नक्सली महाराज प्रमाणिक के सरेंडर करने की मुख्य वजह उसकी प्रेमिका है. उसकी प्रेमिका चाहती थी कि महाराज मुख्यधारा में लौट आये और जेल जाने के बाद वह उसके साथ जीवन बिता सके. ऐसा महाराज ने इसलिए किया क्योंकि नक्सली संगठन में रहते और संगठन छोड़ने के कुछ माह पूर्व प्रेमिका ने उससे मिलना छोड़ दिया था.
हालांकि महाराज नक्सली संगठन से निकाले जाने के बावजूद खुद का संगठन तैयार कर इलाके में लेवी वसूलना चाहता था. इसी वजह से उसकी प्रेमिका ने उससे मिलना छोड़ दिया था. जब एक दिन महाराज जबरन अपने प्रेमिका से मिलने पहुंचा, तब प्रेमिका ने उसे सरेंडर करने के लिए प्रेरित किया. सरेंडर करने के बाद ही दोबारा उससे मिलने का वचन दिया.
इसके बाद प्रेमिका के इश्क में पड़कर महाराज ने नया संगठन तैयार करने के बजाय पुलिस के संपर्क में आकर सरेंडर कर दिया. इस बात का खुलासा उसने पूछताछ के दौरान भी किया है. पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराज एक लड़की से पिछले कई वर्षों से प्यार करता है. उसकी प्रेमिका ने उसे सरेंडर करने के लिए काफी प्रेरित किया. जानकारी के अनुसार, महाराज प्रमाणिक सरायकेला-खरसावां जिला के इचागढ़ थाना क्षेत्र के दारूदा का रहनेवाला है.
उसके पिता का नाम जरासिंधु प्रमाणिक है. महाराज संगठन में जोनल कमांडर के पद पर था. उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था. उसने सरायकेला पुलिस के पास 24 अगस्त को सरेंडर कर दिया था. इस घटना से कुछ दिन पूर्व नक्सली संगठन ने महाराज प्रमाणिक पर पुलिस से मिले होने का आरोप लगाकर उसे संगठन से निकाल दिया था. उसके साथ बैलुन सरदार को भी संगठन से निकाला गया था. वह भी पुलिस के सामने सरेंडर कर चुका है. हालांकि अभी तक दोनों नक्सलियों को पुलिस अधिकारियों ने आधिकारिक रूप से सरेंडर घोषित नहीं किया है.
Posted by : Sameer Oraon