माओवादी नवीन यादव नयी समर्पण नीति के तहत जाएगा खुला जेल, 15 लाख रुपये का है इनाम
पहले सरेंडर के बाद नक्सली जेल भेजे जाते थे. फिर छह माह की प्रक्रिया के बाद खुला जेल भेजा जाता था. अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी.
प्रणव, रांची :
झारखंड सरकार की नयी समर्पण नीति के तहत सरेंडर कर सीधे खुला जेल सह कैंप जाने वाला पहला नक्सली होगा माओवादी संगठन का जोनल कमांडर नवीन यादव. उस पर 15 लाख रुपये का इनाम है. अगले दो-तीन दिनों में चतरा पुलिस के समक्ष नवीन का विधिवत सरेंडर कराया जायेगा. हालांकि काफी पहले से यह पुलिस के संपर्क में है. इसके खिलाफ विभिन्न जिलों में करीब चार दर्जन मामले दर्ज हैं. नवीन मूल रूप से चतरा जिला के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के बसबूटा का निवासी है. यह संगठन के लिए लेवी वसूलने का भी काम करता था.
लेवी के पैसे से उसके द्वारा रेड़मा में 18.5 एकड़ और प्रतापपुर में 12.78 एकड़ जमीन खरीदने की बात सामने आयी थी. बता दें कि नये नक्सल सरेंडर पॉलिसी के तहत सिर्फ पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा के बाद जेल आइजी के अनुमोदन से नक्सली हजारीबाग स्थित खुला जेल सह पुनर्वास कैंप भेजे जायेंगे. पहले सरेंडर के बाद नक्सली जेल भेजे जाते थे. फिर छह माह की प्रक्रिया के बाद खुला जेल भेजा जाता था. अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी.
समर्पण के लिए बल्क मैसेज भेजेगी पुलिस
नयी समर्पण नीति के तहत ज्यादा से ज्यादा नक्सली सरेंडर करें, इसको लेकर झारखंड पुलिस नक्सलियों के परिजनों व उनसे जुड़े लोगों सहित अन्य को बल्क मैसेज भेजेगी. साथ ही पोस्टर व पर्चे के जरिये भी उन तक यह संदेश पहुंचाया जायेगा. एफएम व विज्ञापन आदि का भी सहारा पुलिस लेगी. ब्लक मैसेज भेजे जाने की शुरुआत कोल्हान क्षेत्र से होगी. वर्तमान में वहां पर नक्सलियों की चौतरफा घेराबंदी कर नक्सलियों को दबोचने में झारखंड पुलिस व सीआरपीएफ की टीम लगी हुई है.
इन मामलों में शामिल होने का आरोप
-
वर्ष 2011 में तत्कालीन सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमला में आठ जवान शहीद हुए थे.
-
वर्ष 2011 में ही गढ़वा के भंडरिया में हुए नक्सली हमला में 13 जवान हुए थे शहीद.
-
वर्ष 2016 में बिहार के औरंगाबाद-गया बोर्डर पर नक्सली हमला में कोबरा बटालियन के 10 जवान हुए थे शहीद