रांची : भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य प्रमोद मिश्रा ने एनआइए (रांची) के समक्ष पूछताछ में खुलासा किया है कि झारखंड-बिहार में नक्सली कमजोर हो गये हैं. साथ ही छत्तीसगढ़ सहित दूसरे राज्य में नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आयी है. नक्सली संगठन को नये कैडर नहीं मिल रहे हैं. हथियार व गोली की कमी हो गयी है. पहले की तरह लेवी के पैसे भी नहीं मिल रहे हैं. इस कारण नक्सली संगठन को पुन: मजबूत करने के लिए झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की विचारधारा को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा था. इस काम में नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर से लेकर सेंट्रल कमेटी के सदस्य शामिल हैं. इस काम में शीर्ष नक्सलियों में मिसिर बेसरा, विवेक, अनल, मुपल्ला लक्ष्मण राव, वेणुगोपाल, रवि, बालाकृष्णा सहित अन्य नक्सली जुड़े हैं.
प्रमोद मिश्रा ने बताया कि संगठन की योजना उक्त राज्यों में नये कैडर को बहाल करने, ट्रेनिंग देने, लेवी वसूल कर हथियार और गोली खरीदने, आइइडी तैयार करने की थी. उसने यह भी बताया कि उसकी योजना बिहार से पश्चिम सिंहभूम स्थित सारंडा जंगल जाने की थी. लेकिन नक्सल प्रभावित इलाके में पुलिस की गतिविधियां तेज होने और कैंप की संख्या बढ़ जाने से अब मूवमेंट आसान नहीं रह गया है. इस कारण वह सारंडा नहीं जा सका. 71 वर्षीय प्रमोद मिश्रा मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के आसमा गांव का रहनेवाला है. इसी साल 10 अगस्त को गया पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उसके खिलाफ रांची एनआइए में केस दर्ज होने के कारण उसे रिमांड पर पूछताछ के लिए रांची लाया गया.