रांची, राजलक्ष्मी : भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी मेंबर और 15 लाख के इनामी नक्सली इंदल गंझू ने रांची जोनल आइजी कार्यालय में पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियों के सामने सरेंडर किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति को समर्थन करते हैं. 20 साल से इस संगठन से जुड़ा था. मेरे गांव में जमीन विवाद था. इसी विवाद के दौरान ही वह नक्सली संगठन का हिस्सा बना.
दरअसल, झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी संगठन के 15 लाख के इनामी नक्सली ने गुरुवार आईजी आवास में आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने वाला नक्सली इंदल गांझू माओवादी संगठन का रिजनल कमांडर है. इस दौरान रांची के आइजी एवी होमकर और हजारीबाग के डीआईजी राकेश रंजन मौजूद थे.
इस दौरान एवी होमकर ने कहा कि झारखंड पुलिस और झारखंड सीआरपीएफ के लिए यह बड़ी सफलता है. झारखंड को उग्रवाद मुक्त राज्य बनाने के दिशा में अब तक कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इससे माओवादियों की कमर टूट रही है. चतरा जिले के गया और औरंगाबाद के बॉर्डर पर माओवादी संगठन को आगे बढ़ाना चाह रहे थे. इन्हें रोकने के लिए कई अभियान चलाए गए. कई बार मुठभेड़ भी हुई. इसमें 5 इनामी माओादी मारे गये. मारे गये नक्सलियों में 2 पर सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
प्रेस वार्ता करते हुए एवी होमकर ने बताया कि लगातार जिस तरह से अभियान चलाया जा रहा है, उसीकी जद में आकर आज इंदल ने सरेंडर किया है. उसके खिलाफ 145 आपराधिक मामले दर्ज हैं. आत्मसमर्पण करने वाला इंदल कभी चतरा, गया और आसपास के इलाकों के लिए आतंक का पर्याय था. लेकिन, पुलिस की सकारात्मक भूमिका और सरकार की सरेंडर पॉलिसी से आकर्षित होकर इंदल ने आत्मसमर्पण किया है.
वहीं, आत्मसमर्पण करने के बाद इंदल ने कहा कि संगठन के और लोगों को डर लगता है कि पुलिस परेशान करेगी, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. इसके साथ ही इंदल ने अपने सभी साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है.
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