रांची : भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक उर्फ राज उर्फ बबलू उर्फ अशोक ने शुक्रवार को आइजी अभियान एवी होमकर व अन्य पुलिस अफसरों के समक्ष विधिवत सरेंडर किया. इसे लेकर रांची प्रक्षेत्र आइजी कार्यालय में कार्यक्रम हुआ. इस दौरान उसने एक एके-47, दो मैगजीन, 150 चक्र गोली और दो वायरलेस सेट भी सौंपे. उस पर राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम घोषित है.
सरायकेला, रांची, पश्चिम सिंहभूम व खूंटी जिले के विभिन्न थानों में दर्ज कुल 119 मामलों में पुलिस को इसकी तलाश थी. प्रमाणिक ने सिंहभूम कॉलेज चांडिल से बीएससी पार्ट वन (गणित) तक की पढ़ाई की है. माओवादी केंद्रीय कमेटी सदस्य अनल उर्फ रमेश दा उर्फ पतिराम मांझी की टीम के मारक दस्ते का प्रमाणिक रीढ़ कहलाता है.
प्रमाणिक नक्सली दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण व सुरक्षित क्षेत्र माने जानेवाले चांडिल-मुंडू जोन का संगठन प्रवक्ता भी था. अब इसे नियम के तहत हजारीबाग स्थित ओपेन जेल में रखा जायेगा.
सरायकेला खरसांवा जिले के इचागढ़ अंतर्गत दारुदा के जरासिंधु प्रमाणिक का पुत्र महाराज प्रमाणिक 2009 में माओवादी संगठन में शामिल हुआ था. तब से ये संगठन में सक्रिय था. 14 अगस्त 2021 को प्रमाणिक संगठन का एके-47, कारतूस, वायरलेस सेट आदि लेकर चला गया था. 15 अगस्त 2021 को माओवादी संगठन ने इसे संगठन से निकालने की बात कही थी.
प्रमाणिक को इनाम की राशि 10 लाख रुपये के अलावा एके-47 के बदले 75 हजार रुपये, दो वायरलेस सेट के दस हजार रुपये व 150 चक्र गोलियों का भी पैसा अलग से मिलेगा. आत्मसमर्पण नीति के तहत चार डिसमिल जमीन, छह हजार रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति पर एक वर्ष का व्यावसायिक प्रशिक्षण, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, राज्य के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में नक्सली व उसके परिजनों को नि:शुल्क चिकित्सा, नक्सली व उनके बच्चों को स्नातक तक की मुफ्त शिक्षा, पुत्री की शादी में अनुदान और पांच लाख रुपये का जीवन बीमा मिलेगा. सरकार रोजगार के लिए चार लाख का ऋण दिलायेगी.
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार जेल में बंद पूर्व नक्सली कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी उर्फ काली झा की जेल के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी़ लिवर में संक्रमण के कारण उसके पेट में पानी भर जाता था और खून की उल्टी होती थी. शुक्रवार को सारी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
उसके शव को परिजन बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित पैतृक आवास ले गये़ उम्र कैद की सजा होने के बाद उसे गुमला जेल से रांची शिफ्ट किया गया था़ जेल में उसका इलाज एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर चल रहा था और प्रतिदिन 36 सौ रुपये का इंजेक्शन लगता था. लिवर और पेट में संक्रमण के बाद उसे मई 2021 में भी रिम्स के मेडिसीन वार्ड के आइसीयू में भरती कराया गया था़
Posted By : Sameer Oraon