बिहार-झारखंड के मध्य जोन के इलाके में नक्सलियों की कमर पूरी तरह टूट चुकी है. यह बातें गया से सहयोगी नक्सली अनिल यादव के साथ गिरफ्तार नक्सली संगठनों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य प्रमोद मिश्रा ने कही. प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने उससे पूछताछ की है. उसने बताया कि मध्य जोन में अब कोई प्रमुख नक्सली नहीं बचा है. इलाके में सुरक्षा बलों के इतने कैंप स्थापित हो जाने की वजह से नक्सलियों का मूवमेंट थम गया है. नक्सलियों को संगठन में बहाल करने के लिए अब कोई नया कैडर नहीं मिल रहा है.
प्रमोद मिश्रा ने यह भी बताया कि सुरक्षा कारणों से वह बिहार से सारंडा जंगल नहीं पहुंच सका. सारंडा जाकर उनकी योजना नक्सलियों के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर संगठन विस्तार को लेकर बैठक करने की थी. वह सारंडा में अपना नया बेस कैंप बनाना चाहता था. उसने बताया कि वह संगठन के कई शीर्ष नक्सलियों से मिल चुका है. उसने पूछताछ में संगठन की भविष्य की योजनाएं, संगठन में शामिल सहयोगी नक्सलियों के अलावा अन्य शीर्ष नक्सलियों के बारे में भी जानकारी दी है.
प्रमोद मिश्रा व अनिल की गिरफ्तारी के बाद अब एनआइए भी अपने केस में दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. प्रमोद मिश्रा के खिलाफ एनआइए ने भी केस दर्ज किया है. इसमें उस पर आरोप है कि वह दूसरे शीर्ष नक्सलियों के साथ संगठन को पुनर्जीवित करने के साथ नक्सली विचारधारा को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.