झारखंड में 10 लाख रूपये के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर, पांच जवानों की हत्या समेत कई मामलों में दर्ज है केस
naxal leader surrender in jharkhand : नक्सली संगठन में सब जोनल कमांडर था प्रमाणिक, महाराज प्रमाणिक ने सरेंडर किया, ~10 लाख था इनाम. सरायकेला में सरेंडर, ले जाया गया रांची पुलिस ने नहीं की है आधिकारिक घोषणा.
jharkhand maoist news रांची/ सरायकेला : 10 लाख रुपये का इनामी नक्सली महाराज प्रमाणिक ने बुधवार को सरायकेला में ही पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. वह भाकपा माओवादी नक्सली संगठन में सब जोनल कमांडर के पद पर था. सरेंडर करने के बाद गुरुवार को उसे रांची ले जाया गया. उससे संगठन में शामिल नक्सली, नक्सलियों की योजना समेत अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की जा रही है.
स्पेशल ब्रांच के स्तर से महाराज प्रमाणिक के नक्सल रिकॉर्ड की स्क्रीनिंग की जा रही है. हालांकि, अभी पुलिस अधिकारियों ने नक्सली महाराज प्रमाणिक के आधिकारिक रूप से सरेंडर करने की घोषणा नहीं की है. सरेंडर की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से पूरी होने के बाद जल्द ही पुलिस उसे सरेंडर घोषित कर सकती है. वह पुलिस के संपर्क में काफी पहले से था.
नक्सल संगठन से भागने के बाद वह सरेंडर करने के लिए जंगल में छिपकर रह रहा था. इसके बाद मौका देख वह पुलिस से संपर्क कर सरेंडर कर दिया है. वह ईचागढ़ थाना क्षेत्र के दारूदा गांव का रहने वाला है. नक्सली कुंदन पहन के सरेंडर करने के बाद उसका दबदबा इलाके में काफी बढ़ गया था. उसने संगठन में रहने के दौरान कई घटनाओं को अंजाम भी दिया. 2021 में जनवरी से लेकर जुलाई तक 11 उग्रवादी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं.
ईचागढ़ के दारूदा का रहने वाला है प्रमाणिक
महाराजपुरा मानिक का पूरा नाम महाराज प्रमाणिक उर्फ राज प्रमाणिक है. उसके पिता का नाम जरासिंधु प्रमाणिक है. वह सरायकेला के ईचागढ़ के दारूदा गांव का रहने वाला है. कुछ दिन पहले ही संगठन ने उसे सजा देने और संगठन से निष्काषित किये जाने की बात कही थी. प्रमाणिक पर 40 लाख रुपये नकद, एक एके-47, 150 गोलियां, पिस्टल, मोबाइल और वाॅकी-टाॅकी लेकर भागने का आरोप है.
कुकड़ू में पांच जवानों की हत्या का है आरोप
नक्सली महाराज प्रमाणिक पर सरायकेला के कुकड़ू हाट मैदान में पांच पुलिस कर्मियों की हत्या का आरोप है. 14 जून 2019 को पहले से घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने गश्त कर रहे पुलिस टीम पर हमला कर पांच पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था. इसमें दो एएसआइ रैंक के पुलिस अधिकारी व तीन जवान शामिल थे. इसके अलावा चाईबासा, सरायकेला और खूंटी जिले में कई मामलों का आरोपी रहा है.
पिता बोले- मुख्यधारा में लौटने का निर्णय सही है
काफी दिनों तक जंगल झाड़ियों में रहने के बाद अगर सरेंडर किया है, तो यह अच्छी बात है. मुख्यधारा में लौटने का निर्णय सही है. सरेंडर की मुझे जानकारी नहीं है. 2008-09 में घर छोड़ कर गया था. इसके बाद बाद से घर नहीं आया है.
जरासिंधु प्रामाणिक, महाराज के पिता
Posted By : Sameer Oraon