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नक्सली गतिविधियों में आने से पहले निवेश था शातिर ठग, बिहार के युवकों को नौकरी के नाम पर फंसाया है जाल में

नक्सली गतिविधियों में जुड़ने से पहले निवेश एक शातिर ठग था. उन्होंने बिहार के कई युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की है. ये बातें उन्होंने पुलिस के सामने अपने स्वाकृति बयान में कही

रांची : निवेश पोद्दार ने पुलिस के समक्ष स्वीकारोक्ति बयान में कई अहम जानकारियां दी हैं. उसने बताया है कि वह 12वीं के बाद इंजीनियर बनना चाहता था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पिता उसे नहीं पढ़ा सके. उसने धनबाद में कोयला लोडिंग का काम शुरू किया, लेकिन इस काम से उसका सपना और शौक पूरा नहीं हो सकता था.

इसी बीच उसकी दोस्ती फेसबुक पर सुमन कुमार से हुई. निवेश ने उसे अपना परिचय झारखंड में एक बड़ा अधिकारी होने का दिया था. तब फिल्म बनाने के नाम पर निवेश ने विभागीय तौर पर मदद के नाम पर सुमन कुमार से 52,80,000 रुपये की ठगी की थी. इसके बाद वह ठगी के धंधे में उतर गया.

पिठोरिया के बुजुर्ग से की थी 32 लाख की ठगी :

उसने पिठोरिया के एक बुजुर्ग व्यक्ति से पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 32 लाख की ठगी की. इसके बाद उसने बिहार के कुछ लड़कों को झारखंड में सब-इंस्पेक्टर की नौकरी दिलाने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी की. इसके बाद वह भाग कर दिल्ली पहुंचा और रहने लगा. वहीं उसकी मुलाकात अंजली पटेल से हुई. निवेश ने बताया है कि साइबर थाना रांची की पुलिस ने फिल्म बनाने के नाम पर ठगी के मामले में उसे वर्ष 2018 में जेल भेजा था.

जेल में उसकी मुलाकात रनिया निवासी रोहित साव से हुई. निवेश से पहले जेल से रोहित निकला था. जेल से निकलने के बाद निवेश बिरसा चौक के पास रोहित से मिला. रोहित ने निवेश की बात वीडियो कॉल से दिनेश गोप के खास सहयोगी अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा से करायी. अवधेश को निवेश ने अपना परिचय हथियार तस्कर के रूप में दिया था.

बाद में निवेश रनिया के पकरा जंगल में जाकर अवधेश जायसवाल से मिला. उसके जरिये व्हाट्सऐप कॉल पर दिनेश गोप से बात की. इसके बाद निवेश ने कुछ अत्याधुनिक हथियार की तस्वीर दिनेश गोप को भेजी. हथियार का सौदा एक करोड़ में तय हुआ था. हथियार सप्लाई के लिए उसे एडवांस के रूप में 65 लाख रुपये मिले थे. पीएलएफआइ संगठन को ही सप्लाई करने के लिए उसने देसी और डमी हथियार घर में रखे थे. उसकी योजना पीएलएफआइ को सिम कार्ड उपलब्ध कराने की थी, जिसे लेकर शुभम का दोस्त उसके पास आया था.

पुरुलिया से पासपोर्ट बना बांग्लादेश भागने के फेर में थी फातिमा उर्फ अंजलि

पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के सहयोगी निवेश कुमार की प्रेमिका कनीज फातिमा उर्फ अंजलि पटेल बांग्लादेश भागने की तैयारी में थी. इसका खुलासा उसने जेल जाने से पहले स्वीकारोक्ति बयान में किया है. उसने बताया है कि उसने बांग्लादेश के रूपसा स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई की है.

वह आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण रोजगार की तलाश में बांग्लादेश से अवैध तरीके से वर्ष 2014 में बेंगलुरु पहुंची. वहां कुछ दिन रहने पर उसका परिचय एक युवक से हुआ. उसी ने उसका नाम अंजलि पटेल रखकर उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड भी बनवाया. वहां से एक साल के बाद वह चेन्नई चली गयी थी.

दिल्ली आने पर निवेश से हुई दोस्ती :

चेन्नई से 2016 में दिल्ली आयी और मसाज पार्लर में काम करने लगी. 2021 में उसकी मुलाकात निवेश पोद्दार से हुई. इसके बाद दोनों में प्रेम हो गया. दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे. निवेश बीच-बीच में वहां जाता रहता था. वह उसे पैसे रखने के लिए देता था. फातिमा के अनुसार, निवेश दस जनवरी को एमजी हेक्टर गाड़ी से अपने दो दोस्त शुभम और ध्रुव कुमार सिंह के साथ दिल्ली पहुंचा था. वहां से 13 लाख रुपये लेकर उत्तरप्रदेश, बिहार और झारखंड होते हुए अंजलि पटेल के साथ पुरुलिया जा रहा था. पुरुलिया से पासपोर्ट बनवाने के बाद अंजली पटेल की योजना वापस बांग्लादेश भागने की थी, लेकिन इससे पहले वह पकड़ी गयी.

Posted By : Sameer Oraon

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