सरेंडर करने की तैयारी में PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप, कॉल ट्रेसिंग व गिरफ्तार उग्रवादी से पूछताछ में खुलासा
झारखंड के सबसे बड़े नक्सलियों में से एक दिनेश गोप सरेंडर करने की तैयारी में है. ये खुलासा कॉल ट्रेसिंग और गिरफ्तार उग्रवादियों से पूछताछ में हुआ है. साथ ही साथ उसके हथियार सप्लाइ व लेवी के पैसे का इंवेस्टमेंट के मामले की भी जांच जारी है.
Jharkhand Maoist News रांची : पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को हथियार सप्लाइ व उसके लेवी के पैसे का इंवेस्टमेंट के मामले की जांच जारी है. अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि दिनेश गाेप और निवेश पोद्दार का दिल्ली से कनेक्शन है. दोनों का वहां कई लोगों से संपर्क है. यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली में एक बड़े राजनेता के यहां तैनात एक पुलिसकर्मी से दिनेश गोप की नजदीकी है. उससे संपर्क कर दिनेश गोप खुद के सरेंडर कराने की योजना बना रहा है. इसे लेकर वह पूर्व में कई बार दिल्ली भी जा चुका है.
वहीं, निवेश की गर्लफ्रेंड फातिमा उर्फ लिली के अलावा एक और महिला पर पुलिस की नजर है. पुलिस काे शक है कि उक्त महिला निवेश की परिचित है. पुलिस को जानकारी मिली है कि एक महिला का दिनेश गोप से भी संबंध है, जो निवेश के साथ दिनेश गोप के लेवी के पैसे का इंवेस्टमेंट दिल्ली में करती है. इसे लेकर पुलिस की जांच जारी है.
निवेश ने कोलकाता में छिपा रखा है स्कॉर्पियो :
पुलिस जांच में पता चला है कि निवेश ने अपने नाम से जो स्कॉर्पियो खरीदी थी, उसे कोलकाता में छिपा कर रखा है. पूछताछ में निवेश ने दूसरी थार जीप के बारे में जो जानकारी दी थी, वह सही नहीं निकली. पुलिस को अब भी दूसरी थार की तलाश है. सभी गाड़ियों को कब्जे में लेने का प्रयास हो रहा है.
लिली के कारण पहली पत्नी का निवेश से होता था झगड़ा :
वहीं, निवेश की पहली पत्नी से भी पुलिस ने पूछताछ की है. उसने पुलिस को बताया कि लिली से शादी करने का पता चलने और उसके साथ निवेश के रहने को लेकर उसका कई बार पति से झगड़ा हुआ था. हालांकि, वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सकी. अब तक की जांच में मिले सुराग के बाद निवेश और उसके सहयोगियों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी. धुर्वा पुलिस कोर्ट में आवेदन देकर रिमांड का प्रयास करेगी.
एटीएस ने भी शुरू की जांच :
रांची पुलिस के साथ राज्य की एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाॅयड (एटीएस) ने भी जांच शुरू कर दी है. एटीएस व एसआइ को ही मामले में शुरू में कुछ जानकारी मिली थी. जिसे रांची और खूंटी पुलिस से साझा किया गया था. अब तक पुलिस मुख्यालय के स्तर पर मामले को केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए को सौंपने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
Posted by : Sameer Oraon