इनामी नक्सली रवींद्र गंझू के ठीकानों की तलाश कर रही पुलिस, गिरफ्तार माओवादियों ने किया ये बड़ा खुलासा

लोहरदगा के बुलबुल जंगल में मुठभेड़ के बाद पुलिस माओवादियों की तलाश कर रही है, साथ ही साथ पुलिस गिरफ्तार नक्सलियों से भी पूछताछ कर रही है. जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे वो जंगल से निकल भागे

By Prabhat Khabar News Desk | February 21, 2022 10:46 AM

लोहरदगा : लोहरदगा के बुलबुल जंगल और लातेहार के कोनकी एरिया में मुठभेड़ के बाद शनिवार को पकड़े गये दो महिला सहित नौ नक्सलियों को पुलिस रविवार को भी सामने नहीं लायी. वहीं, 16 फरवरी को मारे गये नक्सली की शिनाख्त भी पुलिस अब तक नहीं कर पायी है. पकड़े गये सभी नक्सलियों से जंगल में ही पूछताछ की जा रही है. पुलिस दस्ता सुप्रीमो रवींद्र गंझू के ठिकानों की तलाश कर रही है़

पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि आठ फरवरी से जारी मुठभेड़ में वे लोग कैसे बचे. नक्सलियों ने पुलिस अफसरों को बताया कि जब उनलोगों को लगा कि वे अब पुलिस से नहीं बच पायेंगे, तब उनलोगों ने संगठन की वर्दी को उतार कर अपना कपड़ा पहन लिया और दो-तीन लोगों का छोटा ग्रुप बनाया.

इसके बाद जंगल से निकलकर पास के गांव में पहुंचे और वहां शरण लिया. उनसे हथियार के बारे में भी पूछताछ की गयी. नक्सलियों ने बताया कि जंगल से निकलने से पूर्व रवींद्र गंझू, मुनेश्वर, छोटू खरवार व लाजिम अंसारी को हथियार और कारतूस सुपुर्द किया और आदेश लेकर जंगल से बाहर निकल गये.

गिरफ्तार नक्सलियों में कई इनामी :

जंगल से बाहर निकलने में किसने मदद की, इस पर नक्सलियों ने कुछ लोगों का जिक्र पुलिस से किया है. पुलिस उन सभी की तलाश कर रही है. नक्सलियों से यह भी पूछा गया कि मुठभेड़ के दौरान 10 दिनों तक वे कैसे पुलिस से लड़ते रहे.

जब वे लोग जंगल छोड़ रहे थे, तब दस्ता का सुप्रीमो रवींद्र गंझू, मुनेश्वर, रंथू, छोटू खरवार और लाजिम अंसारी बुलबुल जंगल में कहां थे. इसकी जानकारी नक्सलियों ने खुल कर पुलिस को नहीं दी. गिरफ्तार नक्सलियों में 10 लाख का इनामी जोनल कमांडर बलराम उरांव, 15 लाख का इनामी रवींद्र गंझू की पत्नी शांति, अमन गंझू, शीला खरवार, मुरकेस नागेशिया, बीरेन कोरबा, दशरथ खरवार, शैलेश्वर उरांव व शैलेंद्र शामिल हैं.

लोहरदगा सदर अस्पताल में पड़ा है नक्सली का शव :

16 फरवरी को मारे गये नक्सली का शव लोहदगा सदर अस्पताल में पड़ा हुआ है. अब तक उसकी पहचान नहीं हो पायी है. 18 फरवरी को नक्सली बालक गंझू के भाई फूलदेव गंजू व रामू गंझू को पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए उनके घर दूधीमाटी से सदर अस्पताल लाया था. रामू गंझू ने बताया था कि शव बालक गंझू का नहीं है.बालक गंझू के दायें पैर की अंगुलियां बम ब्लास्ट से उड़ गयी थी.वहीं नक्सली दिनेश नगेशिया के परिजनों व ग्रामीणों ने भी शव को पहचाने से इन्कार कर दिया.

Posted By: Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version