रांची: सैक सदस्य संदीप यादव उर्फ विजय यादव की मौत से भाकपा माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है. झारखंड में इस पर 25 लाख का इनाम था. झारखंड के पलामू, हजारीबाग, चतरा से जुड़े सीमावर्ती क्षेत्र औरंगाबाद, गया इलाके में यह माओवादी संगठन का मुख्य कर्ता-धर्ता था. गया जिले के इमामगंज थाना क्षेत्र के बाबूरामडीह में उसकी मौत की की पुष्टि पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन सिन्हा ने की है.
एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि संदीप यादव का 2003 में भी काफी खौफ था. पलामू के विभिन्न थानों में 50 से अधिक अपहरण, हत्या, मुठभेड़ के मामले दर्ज हैं. 2003 में संदीप यादव का क्षेत्र में काफी आतंक था. हरिहरगंज में चार व्यवसायियों का अपहरण, पीपरा थाना क्षेत्र के संतोष सिंह की हत्या, पुलिसकर्मियों की हत्या सहित अन्य गतिविधियों में उसका आतंक सिर चढ़कर बोलता था.
26 नवंबर 2003 को सरसोत के जंगलों में संदीप दस्ते से मुठभेड़ हुई थी. सरसोत के रास्ते में नक्सलियों ने एंबुस करने का प्रयास किया और पुलिस जिप्सी पर फायरिंग भी की. वहीं, 28 मई 2004 को कुल्हिया में संदीप यादव के दस्ते के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें संदीप बच निकला था. संदीप यादव द्वारा हरिहरगंज थाना व एसडीपीओ आवास पर भी हमला किया गया था. उसमें पांच सौ से अधिक नक्सली शामिल थे.
Posted By: Sameer Oraon