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बीएचयू से फिजिक्स ऑनर्स कृष्ण मोहन ने अपनों से प्रताड़ित हो उठा ली थी बंदूक और बन गया था नक्सली
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लीवर संक्रमण से पीड़ित नक्सली कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी उर्फ विकास का रिम्स में चल रहा इलाज.
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पांच वर्षों से जेल में बंद कोयल शंख जोन का जोनल कमांडर लीवर संक्रमण से है पीड़ित
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उसने सीएम, मुख्य न्यायाधीश को आवेदन लिख कर जान बचाने की गुहार लगायी है
Jharkhand News, Ranchi News रांची : कोयल शंख जोन के पूर्व जोनल कमांडर कृष्ण मोहन झा उर्फ अभय जी उर्फ विकास जी पिछले पांच वर्षों से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार में बंद है. पिछले 22 दिनों से उसका इलाज रिम्स में चल रहा है. वह लीवर संक्रमण से पीड़ित है. उसने मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश को आवेदन लिख कर जान बचाने की गुहार लगायी है. लोगों से आर्थिक मदद भी मांगी है.
उसकी गंभीर बीमारी को देखते हुए मेडिकल बोर्ड ने इलाज के लिए शनिवार को उसे एम्स रेफर कर दिया. एक-दो दिन में उसे रिम्स से एम्स भेजा जायेगा. वर्ष 2002 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) से फिजिक्स में ऑनर्स करनेवाला कृष्ण मोहन पारिवारिक विवाद, अपनों की प्रताड़ना के बाद नक्सली नेताओं के संपर्क में आया. इसके बाद सिस्टम के खिलाफ उसने बंदूक उठा ली.
मूल रूप से मुजफ्फरपुर के रहनेवाले विकास ने बताया कि उसके चाचा संजय झा पीपुल्सवार में नक्सली थे. धन- संपत्ति के कारण उसके चाचा ने उसकी बहन की हत्या कर दी. वह मेरे पिता नंद किशोर झा सहित पूरे परिवार को प्रताड़ित करते थे. इससे वह काफी तनाव में रहता था. वर्ष 2002 में वह बीएचयू से फिजिक्स ऑनर्स में स्नातक कर रहा था. तब गया (बिहार) के रिजनल कमेटी तथा अब एमसीसी पोलित ब्यूरो के मेंबर उमेश मेहता उर्फ संजय जी बीएचयू में हार्ट का इलाज कराने जाते थे.
वहां उनसे मुलाकात हुई. उमेश मेहता ने उसे वर्ष 2002 में संगठन में शामिल कर लिया. उस समय वह संगठन में कुरियर का काम करता था. उस दौरान उसका काम संगठन के शीर्ष नेताओं को सुरक्षित एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाना था. 21 सितंबर 2004 में पीपुल्सवार का एमसीसी में विलय हो गया. उसके बाद शीर्ष नेताओं ने उसे जोनल कमांडर बना दिया.
पूर्व नक्सली विकास जी के अनुसार चाचा संजय झा की हत्या करने के बाद छोटे चाचा विजय झा उसके परिवार को प्रताड़ित करने लगे. वर्ष 2016 में उसने चाचा विजय झा की मुजफ्फरपुर में हत्या कर दी. तीन भाइयों में सबसे बड़े उसके पिता नंद किशोर झा खेतीबारी करते हैं. उसने बताया कि तीन भाई-बहनों में अब वह और उसकी एक बहन बची है. वर्ष 2016 में वह गिरफ्तार हुआ था. उस समय से जेल में है़
विकास ने वर्ष 2009 के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को धमकी दी थी कि वे लोग झारखंड आये, तो उड़ा देंगे. फिर वर्ष 2009 में हेहेगढ़ा में उसने बीडीएम ट्रेन को हाइजैक कर लिया था. वर्ष 2008 में भंडरिया में पुलिस से हुई मुठभेड़ में वह शामिल था. वर्ष 2009 में ट्रेन हाइजैक की घटना के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. वर्ष 2011 में वह जमानत पर छूट कर जेल से बाहर आ गया.
मेडिकल बोर्ड ने कृष्ण मोहन झा को एम्स रेफर कर दिया है. उसे भेजने की तैयारी कर ली गयी है. जिला पुलिस को उसकी सुरक्षा के लिए बल उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा गया है. जेल मैनुअल के हिसाब से सजायाफ्ता या विचाराधीन बंदी के इलाज का पूरा खर्च जेल प्रशासन वहन करता है. बंदी की जान बचाने में जितना भी खर्च होता है, उसे सरकार वहन करती है. कारा विभाग व जेल प्रशासन उसे जल्द ही एम्स भेजेगा.
हामिद अख्तर, सहायक कारा महानिरीक्षक सह जेल अधीक्षक, होटवार
मरीज को एम्स भेजने के लिए जेल प्रशासन ने सुरक्षा मुहैया कराने के लिए रांची पुलिस को पत्र लिखा है. बहरहाल मैं पत्र देख नहीं पाया हूं. लेकिन उसे एम्स भेजने के लिए जितनी सुरक्षा बल की आवश्यकता होगी, उपलब्ध करा दिया जायेगा.
सुरेंद्र कुमार झा, एसएसपी, रांची
Posted By : Sameer Oraon