रांची: झारखंड में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी ) के एकमात्र विधायक कमलेश सिंह के खिलाफ दल-बदल का मामला चलेगा. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो के न्यायाधीकरण में 12 अक्तूबर को इस मामले में पहली सुनवाई होगी. स्पीकर के न्यायाधिकरण की ओर से वादी और प्रतिवादी को इसकी सूचना भेज दी गयी है. विधायक श्री सिंह को न्यायाधीकरण की ओर से कहा गया है कि वह पहली सुनवाई में उपस्थित होकर मौखिक या लिखित रूप में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब दें. स्पीकर श्री महतो ने संविधान की 10वीं अनुसूची के आधार पर दल-बदल के मामले की सुनवाई करेंगे. एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र अवहद ने विधायक श्री सिंह के खिलाफ दल-बदल का मामला चलाने का आवेदन स्पीकर श्री महतो को दिया था. महाराष्ट्र के विधायक श्री अवहद की शिकायत पर विधायक श्री सिंह के खिलाफ दल-बदल की सुनवाई शुरू हुई है. स्पीकर को भेजे शिकायत पत्र में जितेंद्र ने कहा था कि विधायक श्री सिंह पार्टी लाइन से अलग हट कर काम कर रहे हैं.
वह पार्टी के नीति-सिद्धांत के विपरीत काम कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में एनसीपी के कुछ विधायक अजीत पवार के साथ भाजपा गठबंधन की सरकार में शामिल हो गये थे. वहीं शरद पवार गुट इंडिया गठबंधन के साथ है. एनसीपी के चुनाव चिह्न घड़ी पर दोनों ही गुट अपना-अपना दावा कर रहे हैं. झारखंड के विधायक श्री सिंह के खिलाफ शिकायत के बाद अजीत पवार गुट के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री बचाव में सामने आये थे. उन्होंने झारखंड विधानसभा को पत्र भेज कर कहा था कि झारखंड में उनके विधायक श्री सिंह के खिलाफ दलबदल का मामला नहीं चल सकता है. फिलहाल यह मामला चुनाव आयोग के पास है. ऐसे में इनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है.
महाराष्ट्र के विधायक जितेंद्र अवहद की शिकायत के बाद स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने 27 सितंबर तक विधायक कमलेश सिंह को लिखित रूप में अपना पक्ष रखने को कहा था. हालांकि अजीत पवार गुट की ओर से झारखंड विधानसभा को पहले ही साफ कर दिया गया था कि एनसीपी विधायक श्री सिंह उनके साथ हैं. विधायक श्री सिंह ने भी नोटिस का जवाब देते हुए कहा है कि वह अजीत पवार गुट में हैं.