Jharkhand: पोस्ट कोरोना मरीजों में मिल रही न्यूरोलॉजिकल बीमारियां, जानें रिम्स के डॉ विकास कुमार की राय
कोविड-19 या कोरोना हमारे लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है. कोरोना होने और उसके ठीक होने के बाद भी हमारे शरीर को प्रभावित कर रहा है. कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कई तरह की दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही है. उनमें कई तरह की न्यूरोलॉजिकल बीमारियां पायी जा रही हैं.
COVID-19 Latest Update: कोविड-19 या कोरोना हमारे लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है. कोरोना होने और उसके ठीक होने के बाद भी हमारे शरीर को प्रभावित कर रहा है. कोरोना से ठीक हुए मरीजों में कई तरह की दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े बताते हैं कि 10 से 20 फीसदी कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में मध्य और दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी प्रभाव देखने को मिलता है. अगर हम न्यूरो संबंधित समस्याओं की बात करें तो, कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक, डिप्रेशन और ब्रेन फॉगिंग जैसी बीमारियां पायी जा रही हैं.
सवाल : ब्रेन फागिंग क्या है ?
जवाब : कुछ प्रतिशत लोगों में कोविड-19 के बाद,उनके सोचने और समझने की क्षमता में कमी आती है. इसे ही ब्रेन फॉर्मिंग के नाम से जाना जाता है. समय के साथ और उचित ट्रीटमेंट से यह ठीक हो जाता है.
सवाल : कोविड-19 हमारे नर्वस सिस्टम को कैसे प्रभावित करता है?
जवाब : रिसर्च से पता चलता है कि कोविड -19 के कई न्यूरोलॉजिकल लक्षण संभवतः मस्तिष्क को सीधे संक्रमित के बजाय अप्रत्यक्ष रूपसे प्रभावित करता है. संक्रमण के दौरान शरीर की इम्यून रिस्पांस काफी तेज हो जाती है और वह विभिन्न प्रकार के न्यूरोलॉजिकल लक्षण उत्पन्न करती हैं. हालांकि मस्तिष्क में वायरल संक्रमण का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है.
सवाल : मस्तिष्क पर COVID-19 के प्रभाव क्या हैं?
जवाब : अस्पताल में भर्ती अधिकांश व्यक्तियों में मस्तिष्क से संबंधित तत्काल लक्षण में आमतौर पर मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना और स्वाद और गंध में बदलाव शामिल हैं. कुछ लोगों में डेलीरियम(कन्फ्यूजन की स्थिति),गुलियन बारिश सिंड्रोम ,ट्रांसवर्स माईलाइटिस, ब्रेन स्ट्रोक जैसे गंभीर लक्षण भी पाए गए हैं. ऑक्सीजन लेवल कम होने से ब्रेन में hypoxic इंजरी, इन लक्षणों का मुख्य कारण माना जाता है.
सवाल : COVID-19 का संभावित लॉन्ग टर्म न्यूरोलॉजिकल प्रभाव क्या हैं?
जवाब : COVID-19 संक्रमण के बाद लॉन्ग टर्म प्रभावों में थकान ,कार्य करने की क्षमता में कमी , एकाग्रता में कमी, याददाश्त में परेशानी, सिर दर्द, माइग्रेन, नींद की समस्या और चिंता, डिप्रेशन आम है.
सवाल : यदि मुझे वर्तमान में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है तो क्या मुझे कोविड-19 का अधिक खतरा है?
जवाब : एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में किसी भी बीमारी से ग्रसित लोगों में कोविड-19 होने का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है. इस बीमारी की गंभीरता भी थोड़ी ज्यादा हो जाती है.
सवाल : क्या COVID-19 अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का कारण बन सकता है?
जवाब : कुछ लोगों में, कोरोनोवायरस की प्रतिक्रिया से ब्रेन स्ट्रोक, डिमेंशिया, मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम ,ट्रांसवर्स माईलाइटिस, , Guillain-Barré syndrome जैसी बीमारियों के रिस्क ज्यादा हो जाते हैं.
सवाल : क्या COVID-19 वैक्सीन से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं?
जवाब : सभी को COVID-19 का टीका लगवाना चाहिए. टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं. ये टीके आपको बीमारी नहीं दे सकते. टीके के अधिकांश दुष्प्रभाव फ्लू की तरह होते हैं और एक या दो दिनों में दूर हो जाते हैं. यूनाइटेड किंगडम के अध्ययन ने एस्ट्रा ज़ेनेका COVID-19 वैक्सीन से गुइलेन-बैरे सिंड्रोम होने का खतरा बताया है पर यह बहुत ही रेयर है. आंकड़े की बात करे तो यह प्रति मिलियन टीकाकरण वाले में से केवल पांच को ऐसा हो सकता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.