रांची : झारखंड के नये डीजीपी अजय कुमार सिंह बनाए गए हैं. इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गयी है. ये 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं. नीरज सिन्हा के 11 फरवरी को स्वत: पदभार छोड़ने के बाद से डीजीपी का पद रिक्त था. मंगलवार को गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी.
डीजीपी बनाए गए अजय कुमार सिंह
आईपीएस अजय कुमार सिंह झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक थे. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक के अतिरिक्त प्रभार में भी थे. अब इनका स्थानांतरण करते हुए महानिदेशक (झारखंड) के पद पर पदस्थापित किया गया है. आपको बता दें कि अजय कुमार सिंह भारतीय पुलिस सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं.
कयासों पर लगा विराम
झारखंड के पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा का कार्यकाल शनिवार 11 फरवरी, 2023 को समाप्त हो गया. उन्होंने खुद ही अपना पदभार छोड़ दिया थ,. लेकिन मंगलवार की दोपहर तक नये डीजीपी के नाम पर निर्णय नहीं हो सका था. दूसरी ओर, भीतर खाने से मिल रही खबरों के मुताबिक 1989 बैच के झारखंड कैडर के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह का नाम नये डीजीपी की कतार में सबसे ऊपर बताया जा रहा था. हालांकि, इनके बैच के ही अजय भटनागर और 1980 बैच के अनिल पाल्टा का नाम भी शामिल था. शाम को आखिराकर कयासों पर विराम लगा और नये डीजीपी के रूप में अजय कुमार सिंह के नाम की घोषणा कर दी गयी.
मरांडी ने नये डीजीपी के लिए सौदेबाजी का लगाया था आरोप
भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने डीजीपी की नियुक्ति में सौदेबाजी करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि यूपीएससी ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए तीन अधिकारियों का नाम भेजा है. आखिर किन कारणों से नियुक्ति में विलंब हो रहा है. श्री मरांडी ने प्रभात खबर के साथ विशेष बातचीत के क्रम में कहा था कि डीजीपी की नियुक्ति में विलंब होना खुद में एक बड़ा सवाल है. यह समझा जा सकता है कि डीजीपी की नियुक्ति में भी सौदेबाजी चल रही है. डीजीपी नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति से पहले ही नये डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार को पूरी कर लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.