Jharkhand News, Ranchi News रांची : कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के जेलों में बंद कैदियों को पैरोल, जमानत व औपबंधिक जमानत पर छोड़ने की सहमति बनी थी. झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी ने 18 मई को राज्य के जेलों से 7000 कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया था़.
इसके बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद 230 विचाराधीन बंदियों को 45 दिनों के लिए जमानत व औपबंधिक जमानत पर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई है. प्रथम चरण में 20 बंदियों को छोड़ा गया है़ यहां वैसे विचाराधीन बंदियों को छोड़ने की प्रक्रिया चल रही है, जिन्हें सात साल से कम की सजा मिली है.
गौरतलब है कि छह जून को होटवार जेल में बंद 250 सजायाफ्ता कैदियों में 120 कैदियों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हुई थी़ जेल से निकलने के पहले डालसा तथा आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कैदियों को बाहर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए काउंसेलिंग भी की गयी.
कारा से 120 कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसी के तहत पूर्व मंत्री एनोस एक्का को पेरौल पर छोड़ा गया है. हर दिन कुछ कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है.
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कोरोना संक्रमण को देख सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश
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बिरसा मुंडा कारागार से अब तक 20 बंदी छोड़े गये
Posted By : Sameer Oraon