झारखंड के 2400 सेवानिवृत्त विवि शिक्षकों बड़ा झटका, अभी नहीं मिलेगा 7 वें वेतनमान के अधार पर पेंशन का लाभ, ये है बड़ी वजह

रांची विवि व डीएसपीएमयू विनोबा भावे विवि व विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि, कोल्हान विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि के 2400 शिक्षकों के लिए विभाग द्वारा लगभग 22 करोड़ रुपये का व्यय भार बताया था. इसमें वैसे शिक्षक शामिल हैं, जो 31 दिसंबर 2015 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्हें सातवें वेतनमान के आधार पर अब तक पेंशन का भुगतान नहीं हो पाया है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2021 12:42 PM

Jharkhand University Teachers News, 7th Pay Commission रांची : राज्य के विवि के लगभग 2400 सेवानिवृत्त शिक्षकों को फिलहाल सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का भुगतान नहीं हो सकेगा. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इस बाबत तैयार प्रस्ताव को विभागीय मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फिर से आकलन करने का निर्देश देते हुए संचिका वापस विभाग को भेज दिया है. अब विभाग द्वारा आकलन करने के बाद इसे वित्त विभाग के पास भेजा जायेगा. इससे अब पेंशन व बकाया भुगतान में विलंब होने की संभावना है.

रांची विवि व डीएसपीएमयू विनोबा भावे विवि व विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि, कोल्हान विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि, नीलांबर-पीतांबर विवि के 2400 शिक्षकों के लिए विभाग द्वारा लगभग 22 करोड़ रुपये का व्यय भार बताया था. इसमें वैसे शिक्षक शामिल हैं, जो 31 दिसंबर 2015 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्हें सातवें वेतनमान के आधार पर अब तक पेंशन का भुगतान नहीं हो पाया है.

सातवें वेतनमान के आधार पर शिक्षकों को एक जनवरी 2016 से पेंशन का भुगतान करना है. इन शिक्षकों को अब तक पांचवें वेतनमान के आधार पर भी बकाया का भुगतान नहीं हो सका है. जबकि छठे वेतनमान के आधार पर बकाया का भुगतान हो चुका है.

सातवें वेतनमान के तहत पेंशन का भुगतान नहीं होने से प्रति शिक्षक लगभग दो लाख रुपये से तीन लाख रुपये तक का प्रति वर्ष का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इधर फेडरेशन ऑफ रिटायर्ड यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष डॉ बब्बन चौबे ने कहा है कि विवि में कार्यरत शिक्षक सहित 2016 के बाद से सेवानिवृत्त शिक्षकों को लाभ मिल रहे हैं, लेकिन इससे पूर्व के शिक्षकों ने कई बार राज्यपाल सह कुलाधिपति, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, शिक्षा सचिव से मिल कर आग्रह किया है,

लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो पा रहा है. डॉ चौबे ने कहा कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ( (Rameshwar Oraon) से इस संबंध में बात हुई थी. उन्होंने अप्रैल 2021 से लाभ देने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन अब वे भी मुकर गये हैं. उनका कहना है कि सरकार के पास कोरोना के कारण रेवन्यु में कमी आ गयी है, फिलहाल इसे लागू करना संभव नहीं लगता है.

पूर्व शिक्षक ने कहा

नये वेतनमान पर पेंशन की आस में कई शिक्षक स्वर्ग भी सिधार गये. 80 वर्ष से ऊपर के शिक्षकों का भी पेंशन पुन: निर्धारण करना बाकी है.

डॉ बब्बन चौबे, पूर्व विवि शिक्षक

Posted By : Sameer Oraon

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