Jharkhand News, Ranchi News, Education Loan for ST Students रांची : जनजातीय जनसंख्या के हिसाब से झारखंड में देश के अंदर दूसरी बड़ी 80 लाख की आदिवासी आबादी निवास करती है. ऐसे में महज 186 विद्यार्थियों को ही शिक्षा ऋण देना बैंकों की प्राथमिकताएं दर्शाता है. बैंकों को न केवल आदिवासियों और अनुसूचित जातियों को शिक्षा ऋण, बल्कि कृषि व व्यवसाय के लिए भी ऋण देने में तत्परता दिखानी चाहिए.
झारखंड के आदिवासी विद्यार्थियों को क्रेडिट गारंटी रहने के बाद भी शिक्षा ऋण नहीं मिल रहा है. विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर बड़ी संख्या में आवेदन अस्वीकृत किये जा रहे हैं. ये बातें शुक्रवार को झारखंड सरकार की योजना सह वित्त सचिव हिमानी पांडेय ने शिकायती लहजे में आरबीआइ के डिप्टी गर्वनर एमके जैन के सामने कहीं. वह होटल बीएनआर चाणक्या में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की विशेष बैठक में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही थीं.
ज्ञात हो कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां वित्तीय समावेशन व वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एसएलबीसी की विशेष बैठक रखी गयी है. इस अवसर पर रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर ने राज्य में चल रही ऋण योजनाओं और वित्तीय जागरूकता बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की. मौके पर रिजर्व बैंक के मुख्य महाप्रबंधक सोनाली सेन गुप्ता, बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक पीआर राजगोपाल सहित सभी बैंकों के प्रमुखों के साथ राज्य सरकार के अधिकारी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री भी एसएलबीसी की कई बैठकों में एसटी-एससी छात्रों को शिक्षा ऋण देने में बैंकों की आनाकानी पर नाराजगी जता चुके हैं. शिक्षा ऋण के मामले में निराशाजनक प्रगति को देखते हुए राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति ने भी बैंकों के इस रवैये पर नाराजगी जतायी थी. शिक्षा लोन लेने के लिए बैंकों ने ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान किया है.
Posted By : Sameer Oraon