रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निलंबित चल रहे आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. श्री गुप्ता के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 की धारा-7 के तहत कार्रवाई की जायेगी. राज्यसभा चुनाव 2016 में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में आरोपी एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ पहले से चुनाव आयोग के आदेश पर विभागीय कार्रवाई चल रही है. एडीजी अनुराग गुप्ता पर भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़ी हर Hindi News से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
उन पर राज्यसभा चुनाव 2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए कांग्रेस के तत्कालीन बड़कागांव विधायक निर्मला देवी को रुपयों का लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है.
फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो उच्च न्यायालय में भी प्रस्तुत किया गया है. चुनाव आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर मामले की जांच करायी थी. प्रथमदृष्टया आरोप सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. 29 मार्च 2018 को जगन्नाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जनवरी 2018 में राज्य सरकार ने आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था.
लेकिन, आयोग ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराते हुए पूर्व के निर्देश के अनुपालन का निर्देश दिया था, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उल्लेखनीय है कि पूर्व में उन पर एक दफा राजनीतिक उथल-पुथल के क्रम में एयरपोर्ट के रनवे पर जाकर प्लेन रोकने का भी आरोप लगाया गया था. इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी प्रतिपक्ष के नेता के रूप में उन पर अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए एससी-एसटी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी.
इस केस में रांची पुलिस की टीम ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, तत्कालीन विधायक चमरा लिंडा व पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय समेत कई लोगों का बयान ले चुकी है. बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी ने अनुराग गुप्ता समते सत्ताधारी दल के वरीय नेता समेत अन्य के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये थे.
posted by : sameer oraon