BSF के 2 पुलिस अधिकारी राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित, रांची के अजीत टेटे को दूसरी बार मिला सम्मान

Jharkhand News, Ranchi News, Kolkata News, रांची/ कोलकाता : गणतंत्र दिवस के मौके पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force ) के 2 अधिकारियों को राष्ट्र की सेवाओं में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इसमें अजीत टेटे और सुरजीत सिंह गुलेरिया को अवार्ड दिया गया है. बता दें कि अजीत टेटे झारखंड की राजधानी रांची के निवासी हैं और संत जेवियर कॉलेज में वॉलीबॉल के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2021 9:01 PM
an image

Jharkhand News, Ranchi News, Kolkata News, रांची/ कोलकाता : गणतंत्र दिवस के मौके पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force ) के 2 अधिकारियों को राष्ट्र की सेवाओं में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. इसमें अजीत टेटे और सुरजीत सिंह गुलेरिया को अवार्ड दिया गया है. बता दें कि अजीत टेटे झारखंड की राजधानी रांची के निवासी हैं और संत जेवियर कॉलेज में वॉलीबॉल के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं.

अजीत टेटे वर्तमान में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर हेडक्वार्टर, कोलकाता में डीआईजी (प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर- PSO) के पद पर पदस्थापित हैं. श्री टेटे हजारीबाग में बीएसएफ के प्रीमियर ट्रेनिंग सेंटर TC&S में भी रह चुके हैं. वहीं, सुरजीत सिंह गुलरिया BSF के DIG के रूप में पदस्थापित हैं.

अपने सेवाकाल में अजीत टेटे संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना के सदस्य बनकर बोस्निया और हेरजेगोविना में भी गये. यहां उन्होंने अमेरिकी सेना के साथ तालमेल बैठा कर हिंसा को नियंत्रित करने में प्रमुख भूमिका निभायी थी. उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए संयुक्त राष्ट्र ने भी वर्ष 1998 में उन्हें यूनाइटेड नेशन मेडल से सम्मानित किया था.

Also Read: झारखंड के 3 जिले में रात्रि पाठशाला, ग्रामीण बच्चों के सपनों को मिल रही ऊंची उड़ान

मालूम हो कि रांची के अजीत टेटे ने वर्ष 1987 में सीमा सुरक्षा बल में बतौर अधिकारी जुड़े थे. योगदान के बाद से ही वह कठिन चुनौतियों का निरंतर सामना करते आ रहे हैं. नौकरी के शुरुआती समय में राजस्थान के जोधपुर में नये बटालियन के गठन के साथ- साथ उन्होंने पंजाब में आतंकवादियों का जमकर मुकाबला किया.

दूसरी तरफ, अपने खेल जीवन की रुचियों के कारण खेल को भी प्रोत्साहित करते रहे हैं. यही कारण है कि जोधपुर की उनकी टीम ने वर्ष 1988 में शिलिगुड़ी में आयोजित राष्ट्रीय बीएसएफ एथलेटिक्स प्रतियोगिता में चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था. अपनी सेवाकाल में उन्होंने कश्मीर के आतंकवाद और पाकिस्तान से होने वाली फायरिंग का भी डटकर मुकाबला किया. इसकी वजह से उनकी पहले भी न सिर्फ सराहना हुई, बल्कि उन्हें सीमा सुरक्षा बल के डीजी की तरफ से प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया था.

श्री टेटे मणिपुर में भी कार्य कर चुके हैं. यहां की विकट भौगोलिक परिस्थितियों के बीच भी उन्होंने वहां के उग्रवादियों का मुकाबला किया और शांति बनाये रखने में अपनी उल्लेखनीय भूमिका निभायी. वहीं, कश्मीर की वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास आतंकवादियों और पाकिस्तान की चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए उन्हें वर्ष 2011 में पहली बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था.

Also Read: सखी मंडल की दीदियों को बाजार उपलब्ध कराता पलाश, आराधना पटनायक बोली- ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना प्राथमिकता

श्री टेटे ने बांग्लादेश की सीमा पर बतौर डीआईजी पदस्थापित होने के दौरान खास तौर पर मवेशियों की तस्करी पर रोक लगाने में अहम भूमिका निभायी. पशु तस्करों के नये- नये तरीकों पर अंकुश लगाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभायी. अपने 33 वर्षों के सेवा काल के दौरान उल्लेखनीय सेवाओं के लिए श्री टेटे को दूसरी बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है.

सुरजीत सिंह गुलेरिया को भी मिला सम्मान

वहीं, दूसरी ओर सुरजीत सिंह गुलेरिया, डीआईजी को वर्ष 2017 में कश्मीर (श्रीनगर) में उनके विशिष्ट वीरतापूर्ण कार्य और साहस के लिए पुलिस वीरता पदक से अलंकृत किया गया है. 4 अक्टूबर, 2017 को 03: 45 बजे जैश-ए-मोहम्मद (JEM) समूह के 4 आतंकवादी ने श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास BSF 182 बटालियन के मुख्यालय पर हमला कर दिया था. आतंकवादियों द्वारा हथगोले फेंके जाने के बाद, सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच अंधाधुंध गोलाबारी शुरू हो गयी थी. श्री गुलेरिया ने डीआईजी(ऑप्स) के हरिलाल के साथ मिलकर ऑपरेशन का नेतृत्व किया था. रुक-रुक कर गोलाबारी के दौरान सभी आतंकवादी मारे गये थे. इस ऑपरेशन के दौरान BSF का एक सहायक उप निरीक्षक शहीद हो गये और 4 जवान घायल हो गये.

सुरजीत सिंह गुलेरिया आतंकवादी के विरुद्ध किये गये साहसिक मुठभेड़, अनुकरणीय नेतृत्व और कर्तव्य के प्रति प्रदर्शित समर्पण की भावना को सरहाते हुए उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (PMG) से सम्मानित किया गया है.

Also Read: 20 साल बाद छोटा अंगारिया में 11 लोगों को जिंदा जलाने का मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान मल्लिक गिरफ्तार

बता दें कि सुरजीत सिंह गुलेरिया अक्टूबर 1987 में सहायक कमांडेंट के रूप में सीमा सुरक्षा बल में शामिल हुए. वर्तमान में श्री गुलेरिया फ्रंटियर हेडक्वार्टर दक्षिण बंगाल में DIG के रूप में सेवारत हैं. अपने 33 वर्षों के लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने लगभग सभी प्रकार के इलाकों में सेवा दी है. उनका ज्यादातर कार्यकाल जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद भूमिका में रहा है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन और NDRF में प्रतिनियुक्ति के रूप में भी काम किया. वर्ष 2008 में उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें PMMS पुरस्कार और वर्ष 2016 में PPMDS पुरस्कार पद से सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही अपनी उज्जवल सेवा के दौरान 10 से अधिक सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक प्रशस्ति पुरस्कार और कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.

Posted By : Samir Ranjan.

Exit mobile version