एएसआई चंद्राय सोरेन की मौत पर बाबूलाल ने उठाये सवाल, सीबीआइ जांच की मांग

भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बीते 27 जून को बरहेट में हुए अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने इस मुठभेड़ में गोली लगने के बाद 19 जुलाई को एएसआइ चंद्राय सोरेन की इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस घटना का जो एफआइआर थाना प्रभारी ने करवाया है, इसमें कई संदेहात्मक पहलुओं का जिक्र है. यह काफी गंभीर व संगीन मामला है. इसलिए सीएम इस कथित मुठभेड़ की सीबीआइ जांच करवायें. ताकि दूध-का-दूध व पानी-का-पानी हो सके.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2020 1:00 PM
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भाजपा विधायक दल के नेता सह पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बीते 27 जून को बरहेट में हुए अपराधियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने इस मुठभेड़ में गोली लगने के बाद 19 जुलाई को एएसआइ चंद्राय सोरेन की इलाज के दौरान मौत हो गयी. इस घटना का जो एफआइआर थाना प्रभारी ने करवाया है, इसमें कई संदेहात्मक पहलुओं का जिक्र है. यह काफी गंभीर व संगीन मामला है. इसलिए सीएम इस कथित मुठभेड़ की सीबीआइ जांच करवायें. ताकि दूध-का-दूध व पानी-का-पानी हो सके.

मरांडी ने उठाये गंभीर सवाल

उन्होंने पत्र में कहा है कि इस घटना को लेकर मीडिया में कई ऐसे बिंदु हैं, जिससे इस प्रक्ररण में बरहेट पुलिस यानी थाना प्रभारी की भूमिका पर संदेह जताया गया है. मीडिया के अनुसार, जब एसडीपीओ ने पूर्व में ही अपराधियों के डुगुबथान में होने की सूचना दे दी थी, तब सारे पुलिस वाले एक साथ क्यों नहीं गये? अपराधियों द्वारा एएसआइ चंद्राय सोरेन पर गोली चलाने के बाद भी थाना प्रभारी का मूकदर्शक बनकर केवल हाथापाई करना आदि सवाल अब भी अनुत्तरित हैं. चंद्राय सोरेन की जान बरहेट पुलिस की लापरवाही या किसी साजिश के कारण तो नहीं गई, ऐसे सवालों का जवाब सामने आना आवश्यक है. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी गुंजाइश नहीं दिखती कि राज्य की पुलिस मामले का सच सामने ला पायेगी? इसलिए इस मामले की सीबीआइ जांच जरूरी है.

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विवादास्पद रहा है थाना प्रभारी कार्यकाल

मरांडी ने कहा है कि उक्त थाना प्रभारी का कार्यकाल पूरी तरह विवादास्पद रहा है. कथित बकोरिया कांड से लेकर जामताड़ा के नारायणपुर थाना में मिन्हाज अंसारी नामक युवक की कथित पिटाई से मौत मामले का आरोप उन पर पहले से है. मिन्हाज अंसारी मामले में इन पर पूर्व में ही गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा चलाने संबंधित अभियोजन संताल परगना के तत्कालीन डीआइजी द्वारा दी जा चुकी है. मिन्हाज अंसारी मामले में झामुमो भी आरोपित दारोगा पर कार्रवाई की मांग कर चुकी है. ऐसे में विवादों में संलिप्त ऐसे किसी अधिकारी को एक मिनट भी किसी थाने में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर बिठाये रखना उचित नहीं है. सबसे पहले उक्त थाना प्रभारी को उनके पद से सस्पेंड करें.

Posted By: Pawan Singh

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