Jharkhand news : रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant soren) ने बालू उठाव एवं आपूर्ति के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश को राज्य में लागू करने का निर्देश दिया है. इसके तहत 10 जून 2020 से 15 अक्तूबर 2020 तक बालू के खनन पर रोक लगा दी गयी है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने खान एवं भूतत्व विभाग को निर्देश दिया है कि बालू के खनन पर रोक लगाने संबंधी राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त एनजीटी के आदेश को सुनिश्चित करें.
इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग में सभी उपायुक्तों को पत्र लिखते हुए निर्देश दिया गया है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बालू की आवश्यकता एवं महामारी फैलने के कारण मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या को ध्यान में रखते हुए भंडारण से ही बालू का उठाव करना है.
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इस संबंध में सभी जिला खनन पदाधिकारी 10 जून, 2020 के पूर्व के बालू भंडारण का सत्यापन करते हुए परमिट एवं चालान निर्गत करने की अनुमति दें. विभाग ने कहा है कि भंडारण स्थल से बालू का परिवहन मात्र ट्रैक्टर से किया जाये. बड़े वाहनों जैसे हाइवा, डम्फर आदि का उपयोग नहीं किया जाये.
भंडारण स्थल पर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सरकार द्वारा तय दर पर ही हो, यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है. साथ ही भंडारण स्थल से बालू के स्टॉक का निरीक्षण समय- समय पर किया जाये. भंडारण स्थल से बालू की बिक्री/ आपूर्ति में सरकारी योजनाओं में आवश्यकता को प्राथमिकता दी जायेगी.
मालूम हो कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, कोलकाता (NGT, Kolkata) के आदेश में कहा गया है कि मानसून के समय किसी भी कीमत पर बालू घाटों से बालू का उठाव नहीं हो. इसके बावजूद बालू का अवैध उठाव खनन कर्ताओं और बालू माफियाओं द्वारा किये जाने की सूचना मिल रही थी.
इस मसले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया. उन्होंने राज्य के सभी उपायुक्तों को सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि एनजीटी के आदेश का शत-प्रतिशत पालन किया जाये. इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने की भी बातें कही है.
Posted By : Samir ranjan.