Jharkhand News : रिम्स में दवा और उपकरण के पैसों से मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी

सरकार से दवा और उपकरण के लिए मिले अनुदान के पैसों से नियम का उल्लंघन कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी की जा रही है. इससे संबंधित प्रस्ताव शासी परिषद के लिए तैयार दस्तावेज में शामिल किया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | October 13, 2020 8:16 AM

शकील अख्तर, रांची : सरकार से दवा और उपकरण के लिए मिले अनुदान के पैसों से नियम का उल्लंघन कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी की जा रही है. इससे संबंधित प्रस्ताव शासी परिषद के लिए तैयार दस्तावेज में शामिल किया गया है, जबकि मंत्री ने एनएचएम से भी अतिरिक्त गाड़ी ले रखी है. यह पहला मौका है जब सरकार के अनुदान पर चलनेवाली कोई स्वतंत्र इकाई किसी मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने की तैयारी में है.

खास बातें :- 

  • शासी परिषद के लिए तैयार दस्तावेज में शामिल किया गया संबंधित प्रस्ताव

  • पहला मौका है जब अनुदान पर चल रही कोई स्वतंत्र इकाई मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने की कर रही तैयारी

यह बात उल्लेखनीय है कि राज्य के मंत्रियों के लिए गाड़ी खरीदने और उन्हें उपलब्ध कराने का अधिकार मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के पास है. सरकार का कोई भी विभाग अपने मंत्री के लिए गाड़ी नहीं खरीद सकता है. इसके बावजूद रिम्स में सरकार से मिली अनुदान की राशि का विचलन करते हुए मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने की अनुमति शासी परिषद से लेने की तैयारी की गयी है. मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने के प्रस्ताव मेें इसका उल्लेख नहीं है कि कौन सी गाड़ी खरीदी जायेगी. यानी शासी परिषद की सहमति के बाद मंत्री की मर्जी के हिसाब से गाड़ी खरीदी जा सकेगी.

कुल 35 प्रस्ताव : रिम्स शासी परिषद की बैठक के लिए तैयार दस्तावेज में कुल 35 प्रस्ताव शामिल किये गये हैं. इसमें प्रोन्नति, कार्रवाई, शुल्क निर्धारण व निर्माण सहित अन्य मामले शामिल हैं. इनमें ही गाड़ियों की खरीद का प्रस्ताव भी शामिल है. इसके अलावा मंत्री द्वारा रिटेनर के रूप में नियुक्त किये गये चार अधिवक्ताओं पर शासी परिषद की सहमति लेने का प्रस्ताव भी शामिल है. गाड़ी खरीद से संबंधित प्रस्ताव में ‘ब्लड मोबाइल एंड ट्रांसपोर्टेशन वैन’ के अलावा स्वास्थ्य केंद्र डोरंडा के लिए एक मिनी बस और स्वास्थ्य मंत्री के लिए गाड़ी खरीदने के मामले भी शामिल किये गयेे हैं. इस पर शासी परिषद से मंजूरी ली जानी है.

शासी परिषद के अध्यक्ष के नाते मंत्री को नियुक्ति का अधिकार नहीं : राज्य सरकार रिम्स को वेतन भत्ता, चिकित्सा से जुड़े उपकरण सहित स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी अन्य सामग्री की खरीद और निर्माण के लिए अनुदान देती है. राज्य में लागू वित्तीय नियम के आलोक में कोई संस्था अनुदान मद में मिली राशि का विचलन नहीं कर सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स से जुड़े मुकदमों की पैरवी के लिए चार अधिवक्ताओं को रिटेनर के रूप में अपने ही स्तर से नियुक्त कर दिया है.

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इनमें अमरेंद्र प्रधान, हेमंत कुमार गुप्ता, शुभाशीष रसिक सोरेन और अभिजीत कुमार सिंह के नाम शामिल हैं. मंत्री द्वारा की गयी इस नियुक्ति पर भी शासी परिषद की स्वीकृति लेने से संबंधित प्रस्ताव तैयार किया गया है. नियमानुसार यह अधिकार शासी परिषद को है. स्वास्थ्य मंत्री को शासी परिषद के अध्यक्ष के रूप में किसी को नियुक्त करने का अधिकार नहीं है.

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Posted by: Pritish Sahay

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