BJP ने JMM के अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिया आवेदन, जानें पूरा मामला
भाजपा के सुधीर श्रीवास्तव ने कहा कि झामुमो के अधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पुलिसकर्मी की पीठ पर जूता का निशान का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा गया कि भाजपा के लोगों ने पुलिस को पीटा है. जबकि यह महाराष्ट्र की तस्वीर थी.
रांची : भाजपा ने अरगोड़ा थाने में झामुमो के अध्यक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी करने का आवेदन दिया है. झामुमो पर महाराष्ट्र का फोटो को झारखंड का बता कर भाजपा की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया है. बुधवार को भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल अरगोड़ा थाना पहुंचा और झामुमो के अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष, सोशल मीडिया प्रभारी और आइटी सेल के प्रभारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया.
सुधार श्रीवास्तव ने क्या कहा
सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि 23 अगस्त को भाजपा युवा मोर्चा की रैली मोरहाबादी मैदान में थी. उसी दिन दोपहर 2:35 बजे झामुमो के अधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर एक पुलिसकर्मी की पीठ पर जूता का निशान का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा गया कि भाजपा के लोगों ने पुलिस को पीटा है. जबकि, वास्तव में यह तस्वीर महाराष्ट्र के पुलिसकर्मी का था. वहां 24 जुलाई 2018 को मराठा आंदोलन के दौरान नांदेड एक्सप्रेस-वे पर आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत में पुलिसकर्मी की पीठ पर जूते का निशान बना था.
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने क्या दिया जवाब
झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा ने झामुमो अध्यक्ष के खिलाफ सनहा दर्ज कराया है. यह विनाशकाले विपरीत बुद्धि है. उनको मालूम होना चाहिए कि पार्टी के अध्यक्ष शिबू सोरेन हैं. शिबू सोरेन पर झारखंड में कोई मुकदमा दायर कर दे, यह कल्पना से परे है. अभी औपचारिक जानकारी आने दीजिये, तो आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राजनीतिक परिस्थिति में राजनीतिक जवाब दिया जाता है. इस तरह के केस मुकदमे नहीं किये जाते हैं. नहीं तो हम भी बतायेंगे कि उन्होंने किस तरह लॉ एंड ऑर्डर भंग किया है. इसको संज्ञान में रखा गया है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बड़े कार्यक्रम में सरकारें स्कूल बस लेती रही है. क्या भाजपा के शासनकाल में ऐसा नहीं किया गया है? भाजपा के शासनकाल में तो स्कूली बच्चों को बुला कर फूल तक बरसवाये जाते थे. तब उनकी नैतिकता कहां गयी थी?