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झारखंड : खनन घोटाले में सुनील यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर, योगेंद्र तिवारी से ईडी ने शुरू की पूछताछ

खनन घोटाले में सुनील यादव, पंकज मिश्रा का सहयोगी बताया गया है. मामले में सुनील यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया गया है. साथ ही शराब घोटाले में योगेंद्र तिवारी को रिमांड पर लेकर ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है.

Ranchi News: प्रवर्तन निदेशालय में साहिबगंज अवैध खनन घोटाले में सुनील यादव के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया है. इस अभियुक्त पर अवैध खनन से निकाले गये स्टोन चिप्स की ढुलाई सहित अन्य प्रकार के आरोप लगाया गये हैं. साथ ही शराब घोटाले में योगेंद्र तिवारी को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. इडी ने हाइकोर्ट के आदेश पर सुनील यादव को पांच दिनों के रिमांड पर लेकर पूछताछ की. इससे पहले पीएमएलए कोर्ट ने पूछताछ के लिए 15 दिनों के रिमांड पर दिया था. पांच दिनों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सुनील यादव को फिर जेल भेज दिया गया. पूछताछ पूरी होने के बाद इडी ने उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया. आरोप पत्र में उसे पंकज मिश्रा का करीबी और अवैध व्यापारिक गतिविधियों का सहयोगी बताया गया है.

आरोप पत्र में कहा गया है कि पंकज मिश्रा व उसके सहयोगियों द्वारा अवैध खनन कर निकाले गये स्टोन चिप्स की ढुलाई में सुनील यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. उसने सिंह वाहिनी ट्रांसपोर्ट के सहारे अवैध खनन कर निकाले गये स्टोन चिप्स की ढुलाई की और उसे झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों को भेजा. वह सिंह वाहिनी ट्रांसपोर्ट में पार्टनर भी है. उसने साहिबगंज होकर बहनेवाली गंगा नदी में स्टीमर चलाने का ठेका हासिल करने के लिए चार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी. यह राशि अवैध खनन के सहारे जुटायी गयी थी. स्टीमर चलाने का ठेका नव यातायात समिति को 8.5 करोड़ में मिला था. सुनील यादव के माध्यम से ही इसमें चार करोड़ रुपये से अधिक का नकद भुगतान किया गया था. इस यातायात समिति पर पंकज मिश्रा का नियंत्रण था. हालांकि इससे माल ढुलाई का काम दाहू यादव और उसके भाई सुनील यादव की देखरेख में हुआ करता था.

योगेंद्र तिवारी से शेल कंपनियों के बारे में पूछताछ शुरू

ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी से उसके व्यापारिक गतिविधियों और शराब के ठेके में शेल कंपनियों के इस्तेमाल से जुड़े सवाल पूछ रही है. हालांकि वह किसी भी सवाल का संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहा है. इडी ने शराब घोटाले में 19 अक्तूबर को योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था. 20 अक्तूबर को कोर्ट में पेश करते वक्त भी इडी ने उस पर सही जवाब नहीं देने, गलत बयानी करने और ईमेल डिलिट करने के अलावा मनी लाउंड्रिंग से संबंधित दस्तावेज को नष्ट करने का आरोप लगाया था. उससे पूछताछ की आवश्यकता बतायी थी. कोर्ट ने उसे आठ दिनों के रिमांड पर देने का आदेश दिया था. इडी के अधिकारी 21 अक्तूबर को दिन के करीब 11.30 बजे उसे बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से रांची के हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ले गये.

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