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सीएम हेमंत ने की घोषणाएं- कुपोषण मुक्त करने के लिए स्कूल के बच्चों को सप्ताह में मिलेंगे छह अंडे

सीएम ने की घोषणाएं- अंडा, दूध और सब्जी राज्य के जेलों में भी की जायेगी आपूर्ति. पत्तल की थाली बनायें, थर्मोकोल और प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करें. उन्होंने ये भी अपील की कि महिलाएं अंडा उत्पादन, पशुपालन, सब्जी उत्पादन से जुड़ें, सरकार खरीदेगी

हड़िया-दारू बेचना छोड़ अपना व्यवसाय शुरू करनेवाली 13456 महिलाओं को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को सम्मानित किया. ये महिलाएं आज होटल, ढाबा, दुकान चला रही हैं. इनमें कई बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) बन कर गांवों में बैंकिंग दीदी का काम कर रही हैं. कल तक जहां उन्हें हड़िया-दारू बेचने की वजह से शर्मिंदगी झेलनी पड़ती थी, आज उन्हें सम्मानवाली जिंदगी मिल रही है. यह सब साकार हुआ ग्रामीण विकास विभाग के फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर पिछले साल इस योजना की शुरुआत की गयी थी. झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से इन्हें स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10-10 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया. प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन महिलाअों को प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न और साड़ी देकर सम्मानित किया. मौके पर 13.45 करोड़ की राशि सखी दीदियों को सांकेतिक रूप से दिया गया.

कई महिलाओं को दूसरे रोजगार से जुड़ने के लिए 10-10 हजार रुपये का चेक भी सौंपा गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार आपके साथ है. हम पूरा सहयोग करेंगे. हर महिला को आगे बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है. आप ज्यादा से ज्यादा महिलाअों को इस योजना से जोड़ें. स्थिति ऐसी हो कि कहीं भी सड़क पर दारू-हड़िया बेचती महिलाएं नहीं दिखे . यह उस परिवार के साथ ही समाज और राज्य सबके लिए शर्मिंदगी की बात है. इस मौके पर इन महिलाओं की सफलता पर एक पुस्तक सफलता की कहानी का विमोचन भी किया गया .

इस मौके पर जेएसएलपीएस द्वारा फूलो झानो आशीर्वाद अभियान अंतर्गत आजीविका उपलब्धता कार्यक्रम के साथ ही दीदी हेल्प लाइन सेंटर का शुभारंभ किया गया. साथ ही बताया गया कि बीमा करायें अभियान अंतर्गत 25 लाख सखी दीदियों को बीमा योजना से जोड़ा गया है .

मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन बात की :

मुख्यमंत्री ने हड़िया-दारू बेचना छोड़ दूसरे व्यवसाय से जुड़ी विभिन्न जिलों की महिलाअों से बात की. इस दौरान उन्होंने चाईबासा, गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, गढ़वा, साहिबगंज की ऐसी महिलाअों से ऑनलाइन बात की. खूंटी की अनिमा मिंज सहित अन्य महिलाअों ने कहा कि पहले हड़िया-दारू बेच कर भी घर चलाना मुश्किल था.

लोग गंदा व्यवहार भी करते थे. सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन आज सरकार की योजना से वे अपने पैरों पर खड़ी हैं. सम्मान पा रही हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने दुमका, साहिबगंज और पाकुड़ की महिलाओं के साथ संताली भाषा में भी बातचीत की.

Posted By : Sameer Oraon

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