Jharkhand News, Ranchi News रांची : बरसात समाप्त होने के बाद कोयला उत्पादन बढ़ने लगा है. इसका असर देश के पावर प्लांटों में भी दिखने लगा है. पावर प्लांटों में कोयला आपूर्ति सामान्य होने लगी है. अक्तूबर माह में कोयला कंपनियों ने करीब 49.8 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया. यह पिछले साल की तुलना में करीब तीन मिलियन टन और करीब 6.4 फीसदी अधिक है.
अप्रैल से अक्तूबर तक करीब 299.6 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हो चुका है. यह बीते साल से करीब 10 मिलियन टन अधिक है. कोयले का उठाव भी पिछले साल की तुलना में करीब सात मिलियन टन अधिक हुआ है. यह करीब 11 फीसदी अधिक है.
झारखंड के पावर प्लांटों में भी फिलहाल कोयले की कमी नहीं है. यहां के पावर प्लांटों में चार से 14 दिनों का कोयला है. सबसे अधिक कोयला मैथन के पावर प्लांट में है. सबसे कम कोयला तेनुघाट और कोडरमा टीपीपी में है. झारखंड की कोयला कंपनियों से ही देश के कई उत्तरी भागों में कोयला भेजा जाता है. अक्तूबर माह तक झारखंड की कोयला कंपनियों में भी अच्छा उत्पादन हुअा है. पिछले साल की तुलना में बीसीसीएल में करीब 20 तथा सीसीएल में 18% की बढ़ोतरी है.
इंदिरा गांधी एसटीपीपी (हरियाणा) 15
पानीपत टीपीएस (हरियाणा) चार
राजीव गांधी टीपीएस (हरियाणा) 20
यमुना नगर टीपीएस (हरियाणा) 16
जीएच टीपीएस (पंजाब) 18
राजपुरा टीपीपी (पंजाब) छह
रोपर टीपीएस (पंजाब) 12
छाब्बर पीएच-1 (राजस्थान) एक
केवाई टीपीएस (राजस्थान) पांच
कोटा टीपीएस (राजस्थान) पांच
अनपरा टीपीएस (यूपी) तीन
बाखेरा टीपीएस (यूपी) पांच
दादरी एनआइसीटीपीपी (यूपी) 22
हरिदुगंज टीपीएस (यूपी) 23
खंभरखेरा टीपीएस (यूपी) पांच
ललितपुर टीपीएस (यूपी) 18
बोकारो टीपीए (झारखंड) 10
चंद्रपुरा टीपीएस (झारखंड) 10
जोजोबेरा टीपीएस (झारखंड) नौ
कोडरमा टीपीपी (झारखंड) चार
मैथन टीपीपी (झारखंड) 14
तेनुघाट टीपीपी (झारखंड) चार
Posted By : Sameer Oraon