झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए बनेगी कमेटी, हाईकोर्ट में सुनवाई आज

Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर आज फिर सुनवाई होगी. घुसपैठियों की पहचान के लिए एक कमेटी बनेगी. इस पर जल्द बैठक होगी.

By Mithilesh Jha | September 20, 2024 4:00 AM
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Jharkhand News|Bangladeshi Infiltration|Jharkhand High Court: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश के मामले को लेकर केंद्रीय गृह सचिव व झारखंड के मुख्य सचिव के बीच 30 सितंबर तक संयुक्त बैठक हो सकती है. केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव दिया गया है कि गृह सचिव (भारत सरकार) व मुख्य सचिव, झारखंड सरकार 30 सितंबर तक एक संयुक्त बैठक कर घुसपैठियों का पता लगाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में नामित किये जानेवाले सदस्यों पर निर्णय लें.

कमेटी के गठन का ये है उद्देश्य

कमेटी का उद्देश्य झारखंड राज्य के सीमावर्ती जिलों अर्थात देवघर, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका व जामताड़ा में अवैध घुसपैठियों की पहचान करने के तौर-तरीकों पर निर्णय लेना तथा ऐसे अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की व्यवस्था करना होगा. इस कमेटी की संरचना केंद्रीय गृह सचिव व झारखंड के मुख्य सचिव के बीच प्रस्तावित बैठक में तय की जायेगी.

ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन का तैयार किया पूरक शपथ हाईकोर्ट में पेश

केंद्र सरकार झारखंड राज्य में अवैध घुसपैठ के मुद्दे से निपटने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए तैयार है. झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के असिस्टेंट डायरेक्टर (ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन) केशव विश्वास द्वारा तैयार पूरक शपथ पत्र में उक्त बातें कही गयी है.

झारखंड हाईकोर्ट में आज होगी जनहित याचिका पर सुनवाई

उधर, राज्य के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा समेत कई अन्य जिलों में अवैध प्रवासियों (बंगलादेशी घुसपैठिये) के प्रवेश के कारण जनसंख्या में हो रहे बदलाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट में 20 सितंबर को सुनवाई होगी. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ में मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

हाईकोर्ट ने संताल में बांग्लादेशी घुसपैठ को माना संवेदनशील मामला

पिछली सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने संताल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ व आदिवासियों की जनसंख्या घटने पर चिंता प्रकट करते हुए इसे संवेदनशील मामला बताया था. खंडपीठ ने कहा था कि आदिवासियों की जनसंख्या में कमी के क्या कारण है, इसके तह में जाने की जरूरत है. उपायुक्तों व सरकार के शपथ पत्र में विरोधाभाषी जवाब को देखते हुए खंडपीठ ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के गठन की बात कही थी तथा केंद्र व राज्य सरकार से कमेटी के सदस्यों का नाम देने का निर्देश दिया था.

याचिकाकर्ता ने उठाया है आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला

पिछली सुनवाई में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से नाम नहीं दिया गया था. केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता के आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने शपथ पत्र दायर करने के लिए समय दिया था. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सोमा उरांव ने जनहित याचिका दायर कर आदिवासियों के धर्म परिवर्तन का मामला उठाया है. वहीं दानियल दानिश ने जनहित याचिका दायर कर बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश को रोकने की मांग की है.

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