रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अंतर्कलह एक बार फिर उभर कर सामने आ गया. पार्टी के नेता ही अपने ही कोटे के मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने पहले कृषि व स्वास्थ्य मंत्री के कार्यों पर सवाल उठाया था. मंत्री से पूछा था कि किसानों का लोन माफ करने से कौन रोक रहा है? स्वास्थ्य व्यवस्था दम तोड़ रही है. कार्यकारी अध्यक्ष की ओर से उठाये गये सवाल के बाद प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शकील अंसारी ने कार्यकारी अध्यक्ष को नसीहत दी.
अगर किसी प्रकार की शिकायत है, तो उसे पार्टी फोरम पर रखा जाये. विधायक होने के नाते उन्हें अनुशासनहीनता की छूट नहीं दी जा सकती है. इधर पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, खुदी राम बोस की जयंती व अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर कांग्रेस भवन व प्रदेश अध्यक्ष के आवास पर आयोजित कार्यक्रम पर सवाल उठे. कांग्रेस भवन में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व नेताओं कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. वहीं कार्यक्रम में पार्टी के मंत्री और कुछ नेता मौजूद रहे. इससे पहले भी पार्टी के विधायकों ने आला नेताओं से मिल कर सरकार व संगठन के प्रति नाराजगी जतायी थी.
इसके बाद प्रभारी आरपीएन सिंह ने तीन दिनों तक रांची में प्रवास कर विवाद को सुलझाया था. साथ ही सरकार व संगठन में भागीदारी दिलाने का भरोसा दिलाया था. दो माह बाद एक बार फिर से पार्टी के अंदर विवाद शुरू हो गया है.
रांची. प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव से उनके आवास पर मुलाकात की. लगभग एक घंटे तक इनके बीच संगठन को लेकर चर्चा हुई. मुलाकात के बाद डॉ अंसारी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष को सारी बातों से अवगत करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ निकम्मे लोग पार्टी संगठन को कमजोर कर रहे हैं. ये लोग बस चापलूसी और दलाली के बल पर राजनीति करते हैं.
विधायक ने कहा कि धनबाद, बोकारो, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा व गिरिडीह में संगठन स्तर पर व्यापक बदलाव की आवश्यकता है. प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने झारखंड में अच्छा प्रदर्शन किया.
रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा कि विधायक इरफान अंसारी को बताना चाहिए कि उन्होंने और उनके पिता ने कितने अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार और कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी कर इरफान दबाव बनाने का काम करते हैं. बाद में चुपके से जाकर मुख्यमंत्री और मंत्री से मिल कर निजी लाभ के लिए अधिकारियों के स्थानांतरण-पदस्थापन का आग्रह भी करते हैं.
मीडिया के लिए इरफान अंसारी की भूमिका जोकर जैसी हो गयी है. गैर जिम्मेदाराना रवैया और अनर्गल बयान से प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को चुटकी लेने और सरकार को घेरने का अवसर मिल जाता है. श्री अंसारी ने कहा कि वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भी फुरकान अंसारी और इरफान अंसारी ने केवल निजी स्वार्थ के लिए गठबंधन नहीं होने दिया था.
posted by : sameer oraon