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बिना मान्यता के राजकीय बीएड कॉलेज कांके में कोर्स हो रहा पूरा, 98 छात्रों के भविष्य पर संकट

राजकीय बीएड कॉलेज, कांके में अध्ययनरत 98 विद्यार्थियों का दो वर्ष का सत्र अगस्त 2022 में पूरा होने जा रहा है. समस्या यह है कि झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) से उक्त सत्र की मान्यता लिये बिना ही इन विद्यार्थियों का नामांकन कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2022 1:21 PM

Ranchi News Update : राजकीय बीएड कॉलेज, कांके में अध्ययनरत 98 विद्यार्थियों का दो वर्ष का सत्र अगस्त 2022 में पूरा होने जा रहा है. समस्या यह है कि झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) से उक्त सत्र की मान्यता लिये बिना ही इन विद्यार्थियों का नामांकन कर दिया. मान्यता नहीं होने की वजह से रांची विवि इन विद्यार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं कर रहा है. इसके अलावा ये विद्यार्थी एक वर्ष की फाइनल परीक्षा से भी वंचित हो गये हैं.

उच्च अधिकारियों तक लगा चुके गुहार

अपने भविष्य को अधर में देख ये विद्यार्थी आरडीडीइ, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय और उच्च शिक्षा निदेशालय तक से गुहार लगा चुके हैं. वहीं, सरकार ने उक्त कॉलेज में एनसीटीइ के नियमानुसार कुल 16 में आठ शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी. लेकिन, एनसीटीइ की ओर से अब तक इनके सत्र को मान्यता नहीं मिली है. अंतत: मामला एनसीटीइ नयी दिल्ली के अपीलीय कोर्ट में पहुंच गया. कोर्ट ने पूरा मामले को एनसीटीइ के क्षेत्रीय कार्यालय भुवनेश्वर इआरसी को सुपुर्द कर दिया है. हालांकि, कोर्ट के आदेश के 16 दिन बीत जाने के बाद भी मामला अब तक अधर में है. विद्यार्थी क्लास कर रहे हैं, इंटरनल परीक्षा भी दे रहे हैं, लेकिन फाइनल परीक्षा अब तक नहीं ली जा सकी है.

मान्यता मिलने के बाद भी फाइनल परीक्षा में अड़चनें

एनसीटीइ द्वारा मान्यता मिलने के बाद भी इन विद्यार्थियों का रांची विवि में रजिस्ट्रेशन कराने और प्रथम वर्ष की फाइनल परीक्षा आयोजित करने में तकनीकी अड़चनें आ सकती हैं. क्योंकि, उक्त सत्र के तहत अन्य कॉलेजों के विद्यार्थियों की फाइनल परीक्षा हो चुकी है और रिजल्ट भी जारी हो चुका है. अब द्वितीय वर्ष यानी फाइनल इयर की परीक्षा होनी है. इस स्थिति में अब एनसीटीइ व विवि से उक्त सत्र के विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा की अनुमति लेनी होगी. ऐसे में पहले स्टूडेंट्स मान्यता को लेकर चिंतित थे अब उन्हें परीक्षा और रिजल्ट को लेकर संकट लग रहा है.

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