राम चंदर ने अपने दो सीनियर अफसर को क्यों मारी गोली? ‘कोर्ट मार्शल’ के दौरान सामने आई सच्चाई
रामचंद्र, जो निम्नवर्गीय जवान है, अपने रेजिमेंट के दो अफसर पर गोली चला देता है. इसमें एक अफसर की मौत हो जाती है और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो जाता है. इसी अपराध की वजह से राम चंदर का कोर्ट मार्शल किया जाता है.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सिक्किम केंद्र एवं सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पर्यटन, कला संस्कृति, खेल कूद और युवा कार्य विभाग झारखंड सरकार की ओर से पलाश नाट्य महोत्सव का आयोजन रांची में किया जा रहा है. रामदयाल मुंडा संग्रहालय खेलगांव होटवार के प्रेक्षागृह में 28 अगस्त को ‘कोर्ट मार्शल’ का मंचन किया गया.
इसका निर्देशन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के संजय लाल ने किया. इसके लेखक स्वदेश दीपक हैं. ‘कोर्ट मार्शल’ समकालीन व्यवस्था के प्रति तीखा आक्रोश व्यक्त करता है. प्रस्तुत नाटक में दलित चेतना बहुत उभर कर सामने आई है.
नाटक में रामचंद्र, जो निम्नवर्गीय जवान है, अपने रेजिमेंट के दो अफसर पर गोली चला देता है. इसमें एक अफसर की मौत हो जाती है और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो जाता है. इसी अपराध की वजह से राम चंदर का कोर्ट मार्शल किया जाता है.
क्रॉस एग्जामिन में यह सच्चाई सामने आती है कि राम चंदर को दोनों ऑफिसरों ने बहुत अपमानित और प्रताड़ित किया है. अंततः रामचंद्र अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है और दोनों ऑफिसर्स पर गोली चला देता है.
कोर्ट मार्शल के दौरान यह देखने को मिलता है कि क्यों और किस परिस्थिति में राम चंदर ने गोली चलाई. आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि यह जानते हुए कि किसी को जान से मारने की सजा फांसी है, वह इतना बड़ा गुनाह कर बैठा.
नाटक में कर्नल सूरत सिंह की भूमिका रोशन प्रकाश ने निभायी. एडवाइजर जज की भूमिका में रिया कुमारी और जज एडवोकेट का किरदार आकांक्षा चौधरी ने निभाया. जज-1 और जज-2 की भूमिका शरद प्रभाकर और सालिब मिंज ने निभाई. मेजर पुरी की भूमिका में रोहित मिश्रा, कैप्टन विकास रॉय के रोल में शिवांग चौबे थे. रामचंदर का किरदार सन्नी देवगम ने निभाया. किरणमय महतो ने डॉक्टर गुप्ता, जयकिशन ने कैप्टन बीडी कपूर, चंदन कुमार ने बलवान सिंह, सुभाष साहू ने लेफ्टिनेंट कर्नल ब्रजेंदर सरावत, अमित कुमार और पवन साहू ने सैनिक और बबलू उरांव ने गार्ड की भूमिका निभाई.
डिजाइन और डायरेक्टर संजय लाल का रहा. लाइट डिजाइन की जिम्मेदारी सन्नी ठाकुर ने संभाली. बैकग्राउंड म्युजिक अमरनाथ कुमार ने दिया. सेट को डिजाइन किया था शरद प्रभाकर ने. सुनीता कुमारी लेल ने कॉस्ट्यूम डिजाइन किया. स्टेज के पीछे से कलाकारों को डायलॉग डिलीवरी में साकेत प्रभाकर ने मदद की.