एचइसी में आर्थिक संकट, पूंजी के अभाव में उत्पादन हुआ प्रभावित, कर्मियों व अधिकारियों का भी वेतन बकाया
इसमें मुख्य रूप से कोयला की कमी है, जिससे फर्नेस चलता है. कास्ट आयरन के लिए रॉ मेटेरियल नहीं है. ट्रांसफॉर्मर ऑयल, फर्नेस ऑयल नहीं होने के चलते भी कार्य ठप है. वहीं, प्लांट के अंदर काम करने वाले ठेकेदार का भी बकाया है. इस कारण ठेकेदार के आदमी काम करने नहीं आते हैं और कार्य प्रभावित हो रहा है. वहीं कई उपकरणों के छोटे-बड़े पार्ट्स हैं, जिसकी खरीदारी करनी है. ये सभी कार्य लगभग 17 करोड़ रुपये से हो सकते हैं.
HAC Ranchi Latest News रांची : एचइसी में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. इसका असर उत्पादन के साथ कर्मियों के मनोबल पर भी पड़ रहा है. हालत यह हो गयी है कि कार्यशील पूंजी के अभाव में शॉप में काम ठप हो रहा है. एचइसी के अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन ने प्लांटों के इंचार्ज से जानकारी मांगी थी कि कौन-कौन से आवश्यक कार्य हैं, जो कार्यशील पूंजी के अभाव में नहीं हो रहे हैं. इस बारे में शॉप के इंचार्ज ने प्रबंधन को बताया कि अगर 17 करोड़ रुपये कार्यशील पूंजी के रूप में मुहैया करा दिये जायें, तो 170 करोड़ रुपये के उपकरण का डिस्पैच दो माह में हो सकता है.
इसमें मुख्य रूप से कोयला की कमी है, जिससे फर्नेस चलता है. कास्ट आयरन के लिए रॉ मेटेरियल नहीं है. ट्रांसफॉर्मर ऑयल, फर्नेस ऑयल नहीं होने के चलते भी कार्य ठप है. वहीं, प्लांट के अंदर काम करने वाले ठेकेदार का भी बकाया है. इस कारण ठेकेदार के आदमी काम करने नहीं आते हैं और कार्य प्रभावित हो रहा है. वहीं कई उपकरणों के छोटे-बड़े पार्ट्स हैं, जिसकी खरीदारी करनी है. ये सभी कार्य लगभग 17 करोड़ रुपये से हो सकते हैं.
किन-किन कंपनियों का डिस्पैच रुका :
एचइसी के विभिन्न प्लांटों के अलग-अलग शॉप में कई कंपनियों के कार्य किये जा रहे हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण डिफेंस के लिए आकांक्षा प्रोजेक्ट है. कार्यादेश का 90 प्रतिशत कार्य हो गया है. कार्यशील पूंजी के अभाव में 10 प्रतिशत कार्य नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा भेल के लिए इनगोट मोल्ड बनाया जा रहा है. यह कार्य भी वर्तमान में बंद है. इसरो से एचइसी को करीब 450 करोड़ का कार्यादेश मिला था. इसका कार्य एफएफपी में चल रहा है. कार्यशील पूंजी के अभाव में इसरो का भी काम बाधित हो रहा है.
Posted By : Sameer Oraon