रांची: ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में कंसल्टेंट से डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनवाने की परिपाटी चल पड़ी है. तभी तो ‘मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना’ का डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी भी कंसल्टेंट को दे दी गयी है. यह हाल तब है, जब विभाग में बड़ी संख्या में ऐसे इंजीनियर मौजूद हैं, जो किसी भी योजना का डीपीआर बनाने की सक्षम हैं.
प्रमंडल में आठ कंसल्टेंट कंपनियों का पैनल तैयार किया गया है. इन्हीं के जरिये राज्य के अलग-अलग हिस्सों में योजनाओं का डीपीआर तैयार कराया जाता है. फिर विभाग उसकी स्वीकृति देता है. फिलहाल सात कंपनियों से काम कराया जा रहा है. हर कंपनी को जिले आवंटित किये गये हैं. डीपीआर तैयार करने के एवज में कंपनियों को बड़ी राशि का भुगतान करना पड़ता है. कंपनियां हर पुल के लिए अलग-अलग राशि लेती हैं. जबकि, यही काम अगर विभाग के इंजीनियर करते, तो बड़ी राशि की बचत हो सकती है.
1. आशा इंजीनियरिंग कंसल्टेंट
2. अर्चित कंसल्टेंट
3. रांची डिजाइन एंड कंसल्टेंसी सर्विस प्रा लि
4. स्पर्श इंजीनियरिंग
5. यूनिवर्सल इंजीनियरिंग ग्रुप
6. स्मीटन प्रोजेक्ट परी प्रा लि
7. रानकिन टेक्नो कंसल्टेंसी प्रा लि
1. आशा इंजीनियरिंग कंसल्टेंट
2. अर्चित कंसल्टेंट
3. रांची डिजाइन एंड कंसल्टेंसी सर्विस प्रा लि
4. स्पर्श इंजीनियरिंग
5. यूनिवर्सल इंजीनियरिंग ग्रुप
6. स्मीटन प्रोजेक्ट परी प्रा लि
7. रानकिन टेक्नो कंसल्टेंसी प्रा लि
posted by : sameer oraon