VIDEO: सुरंग से बाहर निकलने के बाद भी झारखंड के इस मजदूर के घर नहीं मनी खुशियां, जानें मातम की वजह

जब मजदूरों को सुरंग से निकालने की कोशिश युद्धस्तर पर चल रही थी. इसी बीच ओरमांझी के चुटूपालू घाटी में भीषण हादसा हो गया था. हादसे में दो की मौत हो गई. इनमें से एक खीराबेड़ा गांव के राजेंद्र बेदिया के चचेरे भाई थे. ऐसे में उनके घर पर मजदूर के आने की खुशी तो है, दूसरी तरफ मातम भी पसरा है.

By Jaya Bharti | November 29, 2023 3:53 PM

सुरंग से बाहर निकलने के बाद भी इस घर में नहीं मनी खुशियां, जानें क्यों पसरा है मातम?

उत्तराखंड के उत्तरकांशी के सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का रेस्क्यू पूरे 16 दिनों बाद हुआ. इस हादसे में झारखंड के 15 मजदूर थे. ओरमांझी के खीराबेड़ा गांव में रहनेवाले तीन मजदूर अनिल बेदिया, सुखराम बेदिया और राजेंद्र बेदिया भी 16 दिनों तक सुरंग में फंसे हुए थे. इस घटना के बाद से ही खीराबेड़ा गांव में मातम का माहौल था. परिवार की हालत यह थी कि रोज वे अपने घरों के चिराग की सकुशल वापसी की मन्नते मांग रहे थे. श्रमिकों के वापसी की खबर मिलते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. हालांकि, खीराबेड़ा गांव में एक घर ऐसा भी है जहां मजदूर के सुरंग से बाहर निकलने के बाद भी घर में खुशियां नहीं मनी. दरअसल, जब मजदूरों को सुरंग से निकालने की कोशिश युद्धस्तर पर चल रही थी. इसी बीच ओरमांझी के चुटूपालू घाटी में भीषण हादसा हो गया था. याह हादसा चार वाहनों के टकराने से हुआ था. इस घटना में तीन की मौत हो गई, जबकि कई घायल हुए. दो मृतक उत्तराखंड सुरंग हादसा में फंसे दो मजदूरों के भाई थे. इनमें से एक खीराबेड़ा गांव के राजेंद्र बेदिया के चचेरे भाई थे. ऐसे में उनके घर पर मजदूर के आने की खुशी तो है, दूसरी तरफ मातम भी पसरा है.

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