Jharkhand News: फर्जी पेपर बनवा कर बेची गई 100 करोड़ की वनभूमि, प्रभात खबर ने किया था भंडाफोड़

Jharkhand News : प्रभात खबर ने मार्च 2021 में एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें यह बताया गया था कि बोकारो स्टील प्लांट को दी गई जमीन में से खाली पड़ी जमीन की खरीद-बिक्री हो रही है. इस खबर के बाद प्रशासन हरकत में आ गया था.

By Kunal Kishore | November 14, 2024 9:38 AM
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Jharkhand News, शकील अख्तर (रांची) : ‘प्रभात खबर’ में वर्ष 2021 में छपी रिपोर्ट के आधार पर हुई जांच के बाद 100 करोड़ रुपये मूल्य की वनभूमि फर्जी दस्तावेज के आधार पर बेचने की पुष्टि हुई है. कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में उस दस्तावेज के अस्तित्व में नहीं होने से संबंधित रिपोर्ट वन विभाग को दी. इसके बाद वन विभाग ने इस मामले में जमीन की खरीद-बिक्री करनेवालों नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी है. साथ ही वनभूमि पर अपना मालिकाना हक कायम करने के लिए टाइटल सूट दायर किया है.

मार्च 2021 में प्रभात खबर की रिपोर्ट के बाद खुली पोल

‘प्रभात खबर’ ने मार्च 2021 में ‘यूपी के आदमी ने बोकारो में खरीद ली 74 एकड़ वनभूमि, देखता रहा विभाग’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद जिला प्रशासन और वन विभाग हरकत में आया. इस खबर में बताया गया था कि सरकार द्वारा बोकारो स्टील प्लांट को दी गयी वनभूमि में से खाली पड़ी वनभूमि की खरीद-बिक्री हो रही है. इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने इसे अपनी जमीन बताते हुए बेच दिया था. जमीन पर मालिकाना हक साबित करने के लिए यह उल्लेख किया गया था कि वर्ष 1933 में पुरुलिया से नीलामी में यह जमीन डीड संख्या 191/1933 से खरीदी गयी थी. इसी डीड के आधार पर इजहार हुसैन और अन्य ने वनभूमि की जमीन बेची थी. ‘

भू-राजस्व विभाग के निर्देश पर रद्द की गयी जमाबंदी

‘प्रभात खबर’ में खबर प्रकाशित होने के बाद वन विभाग ने जांच शुरू की. भू-राजस्व विभाग के निर्देश पर निजी व्यक्ति के नाम पर की गयी जमाबंदी रद्द कर दी गयी. वन विभाग ने पश्चिम बंगाल से डीड संख्या 191/1933 के सिलसिले में रिपोर्ट मांगी. जांच-पड़ताल के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने नौ जून 2023 को बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी को जवाबी पत्र (मेमो नंबर-275/DR/PRL/SF1) भेजा. इसमें बताया गया कि पुरुलिया स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में डीड संख्या 191/1933 का अस्तित्व नहीं है. पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मिलने के बाद वन प्रमंडल पदाधिकारी ने दस्तावेज में जालसाजी करने कर वनभूमि की खरीद-बिक्री करने के आरोप में 2024 में प्राथमिकी दर्ज करायी. साथ ही जमीन पर अपने मालिकाना हक के लिए टाइटल सूट दायर किया.

नौ लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी है नामजद प्राथमिकी

वन विभाग द्वारा अक्तूबर 2024 में दायर किये गये टाइटल सूट में कहा गया कि वनभूमि की खरीद-बिक्री की जानकारी विभाग को ‘प्रभात खबर’ में प्रकाशित खबर से मिली. टाइटल सूट में डीएफओ ने जमीन की कीमत 100 करोड़ रुपये बतायी है. दस्तावेज में जालसाजी करने का आरोप में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में नौ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. अभियुक्तों की सूची में इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, शैलेश कुमार सिंह, रंगनाथ सिंह, जेएन सिंह, सचिंद्र प्रसाद पांडेय, सत्येंद्र सत्यार्थी, माधव प्रसाद सिन्हा और आरबी सिंह का नाम शामिल हैं.

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