Jharkhand news : झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय व उनकी पत्नी गिरफ्तार

पूर्व मंत्री हरिनारायण राय ‌और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया

By Prabhat Khabar News Desk | December 10, 2020 6:53 AM

रांची : राज्य के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय ‌और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया. हालांकि मंत्री का भाई अब भी फरार है. आय से अधिक संपत्ति मामले में हाइकोर्ट द्वारा अपील खारिज करने के बाद सीबीआइ की विशेष अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. पूर्व मंत्री को दुमका स्थित उनके ससुराल से गिरफ्तार करने के बाद सीबीआइ की टीम रांची लेकर आयी है. दंपती को गुरुवार के दिन सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया जायेगा.

ड्राइवर से मिली सूचना पर हुई गिरफ्तारी :

मंत्री और उनकी पत्नी को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ अधिकारियों का दल मंगलवार को ही देवघर पहुंचा था, लेकिन पूर्व मंत्री व उनके पारिवारिक सदस्यों के वहां नहीं मिलने के बाद सीबीआइ ने ड्राइवर को पकड़ कर पूछताछ की. ड्राइवर से मिली सूचना पर सीबीआइ ने दुमका से हरिनारायण राय और उनकी पत्नी सुशीला देवी को सुबह सात बजे गिरफ्तार किया.

इसके बाद उन्हें रांची लेकर आयी. राज्य के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, पत्नी सुशीला देवी और संजय राय को दिसंबर 2016 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत ने पांच-पांच साल की सजा और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.

जनवरी 2017 में मनी लाउंड्रिंग के आरोप में पीएलएल कोर्ट में सभी को सात- सात साल की सजा सुनायी थी. पूर्व मंत्री ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. आधी सजा काट लेने की वजह से हाइकोर्ट ने अपील के निपटारे तक जमानत दी थी. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दायर अपील पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने चार नवंबर 2020 को फैसला सुनाया.

हाइकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा दी गयी सजा को बरकरार रखा. हाइकोर्ट द्वारा अपील खारिज किये जाने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने हरिनारायण राय, सुशीला देवी और संजय राय के खिलाफ पांच नवंबर 2020 को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. इसके बाद से सीबीआइ हरिनारायण राय व अन्य को तलाश रही थी.

पीएमएलए कोर्ट द्वारा सात साल की सजा सुनाये जाने के हरिनारायण ने हाइकोर्ट में अपील दायर कर विधानसभा 2019 चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी. हाइकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद चुनाव लड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.

posted by : sameer oraon

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