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झारखंड सरकार डाकिया योजना का कराएगी ऑडिट, ये है मुख्य उद्देशय, जानें कितने परिवार जुड़े हैं इस योजना से

झारखंड सरकार डाकिया योजना ऑडिट कराएगी, इस योजना से जुड़े सभी लोगों के घर जाकर उनकी समस्याएं सुनी जायेंगी. यह कार्यक्रम 22 अक्टूबर से शुरू होगी

रांची : झारखंड सरकार आदिम जनजाति खाद्यान्न योजना (डाकिया योजना) का 22 अक्तूबर से सोशल ऑडिट करायेगी. इसके तहत योजना से जुड़े 73,670 आदिम जनजातीय परिवारों के घर-घर जाकर उनकी समस्याएं सुनी जायेंगी. इसके बाद सुधार के लिए हरसंभव प्रयास किये जायेंगे. साथ ही नीतिगत निर्णय लिये जायेंगे. योजना के लाभुकों से जानकारी ली जायेगी कि क्या सरकार की ओर से शुरू की गयी योजना के तहत उन्हें राशन मिलता है?

हर माह किस सप्ताह उन्हें राशन मिलता है? राशन लाने के लिए कितनी दूरी तय करनी पड़ती है और कितना खर्च आता है? राशन में क्या-क्या मिलता है? राशन बंद पैकेट में मिलता है या खुला? क्या हर घर तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था ठीक है? सोशल ऑडिट कराने के लिए समय सारिणी तय की गयी है. सामाजिक अंकेक्षण यूनिट 22 अक्तूबर से 20 नवंबर तक क्षेत्र स्तर पर सत्यापन पूरा करेगी. 22 दिसंबर तक सभी स्तर की सुनवाई भी संपन्न करायी जायेगी.

साहिबगंज व पाकुड़ में सबसे अधिक व खूंटी में सबसे कम लाभुक : राज्य में डाकिया योजना के सबसे अधिक लाभुक परिवार की संख्या साहिबगंज व पाकुड़ जिला में है. यहां लाभुकों की संख्या 12,800 से अधिक है. खूंटी जिला में लाभुक परिवार की संख्या सबसे कम है. यहां पर सिर्फ 18 लाभुक परिवार हैं, जबकि लाभुकों की संख्या सिर्फ 42 है.

जिला लाभुक                       परिवार लाभुक

देवघर 688 2779

लातेहार 3673 15815

सिमडेगा 283 1000

खूंटी 18 42

गोड्डा 7178 26156

प सिंहभूम 219 592

गिरिडीह 145 467

लोहरदगा 617 2679

पाकुड़ 12808 51658

जामताड़ा 1169 4706

सोशल ऑडिट का समय

कार्यक्रम व समय सारणी

सत्यापन : 22 अक्तूबर से 20 नवंबर

प्रखंड सुनवाई : 25 नवंबर से 5 दिसंबर

जिला सुनवाई : 10 से 15 दिसंबर

राज्यस्तरीय सुनवाई : 22 दिसंबर

Posted by : Sameer Oraon

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