Jharkhand News, Gumla News, Human trafficking latest news jharkhand गुमला : अब गुमला की बेटी सुशीला (बदला हुआ नाम) सामान्य जीवन जीना चाहती है. वह अपने घर घाघरा प्रखंड के दीरगांव आना चाहती है. वह चाहती है कि उसे उसका परिवार और माता-पिता का प्यार मिले. दो साल पहले मानव तस्कर उसे दिल्ली ले गये थे. जब उसे उनके बारे में भनक लगी, तो वह उनके चंगुल से निकल भागी. जब वह दिल्ली की सड़कों पर भूखे-प्यासे भटक रही थी, तो स्थानीय एनजीओ ने उसका साथ दिया. फिलहाल सुशीला दिल्ली के बालगृह में है. उसे सिर्फ अपने गांव का नाम और पिता का नाम सुकरा व मां का नाम फूलमति याद है.
सुशीला ने दिल्ली के प्रजापति वाणी पत्रिका के मुख्य संपादक प्रदीप चंद्रा से अपने माता-पिता को खोजने की गुहार लगायी है, जिससे वह अपने घर दीरगांव आ सके. उसकी समस्या सुनने के बाद प्रदीप चंद्रा ने प्रजापति हीरोज ऑर्गनाइजेशन झारखंड की प्रदेश महिला संयोजक सरिता प्रजापति से मदद मांगते हुए सुशीला का घर खोजने की अपील की.
दिल्ली के प्रदीप चंद्रा ने प्रभात खबर को बताया कि बच्ची दो साल से अपने परिवार से दूर है. इस कारण वह बालगृह में परेशान रहती है. वह बार-बार अपने माता-पिता से मिलने की जिद कर रही है. काफी पूछताछ में लड़की ने अपना नाम, पता व माता-पिता का नाम बताया है. घर का फोन नंबर उसके पास नहीं है.
सुशीला के दिल्ली में होने की जानकारी सीडब्ल्यूसी गुमला को दी गयी. सीडब्ल्यूसी अपने स्तर से सुशीला के घर व परिवार को खोजने में जुट गयी है. सीडब्ल्यूसी के सदस्य संजय भगत ने दीरगांव में एक ग्रामीण को फोन कर सुशीला के माता-पिता का पता लगाने को कहा है, ताकि सुशीला को दिल्ली से लाकर उसके परिजनों को सौंपा जा सके. संजय भगत ने कहा कि दीरगांव के जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर सुशीला के माता-पिता की तलाश की जा रही है.
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बेचने के लिए ले गये थे तस्कर, सुशीला को पता चला तो भाग गयी
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दिल्ली की सड़कों में भटक रही थी, एनजीओ ने रेस्क्यू किया था
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घाघरा प्रखंड के घोर उग्रवाद प्रभावित दीरगांव की रहनेवाली है सुशीला
Posted By : Sameer Oraon