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Jharkhand News : रांची के बुंडू में बना हाराडीह पुल ध्वस्त, दर्जनों गांवों का टूटा संपर्क, निर्माण पर उठे सवाल

रांची के बुंडू में कांची नदी पर बना हाराडीह पुल लगातार बारिश के कारण ध्वस्त हो गया है. 14 करोड़ की लागत से बने इस पुल के ध्वस्त होने से बुंडू, तमाड़ और सोनाहातु के दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है. वहीं, लोगों को बुंडू पहुंचने के लिए करीब 25 किलोमीटर का फासला तय करना पड़ेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2021 9:23 PM

Jharkhand News (आनंद राम महतो, बुंडू, रांची) : रांची जिला अंतर्गत बुंडू-तमाड़ सीमा पर कांची नदी के हेठ बुढाडीह-हाराडीह पर 14 करोड़ की लागत से बना पुल ध्वस्त हो गया. इस पुल के ध्वस्त होने से दर्जनों गांवों का जहां संपर्क टूटा, वहीं आवागमन भी पूरी तरह से बाधित हो गयी. मेसर्स एन पांडेय कंस्ट्रेक्शन ने इस पुल का निर्माण कराया था.

बुंडू प्रखंड के बुढाडीह-हाराडीह घाट पर कांची नदी पर 14 करोड़ की लागत से बना पुल बुधवार के दोपहर बाद पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. इस पुल का निर्माण मेसर्स एन पांडेय कंस्ट्रक्शन ने किया था. पिछले दिनों ध्वस्त बामलाडीह पुल का निर्माण भी इसी संवेदक द्वारा किया गया था.

यह भी बता दें कि पिछले दिनों ध्वस्त सोनाहातू एवं तमाड़ को जोड़ने वाली बामलाडीह पुल एवं निर्माण के बाद ही ध्वस्त हुई हारिन घाट का पुल भी मेसर्स एनके पांड़े कंस्ट्रक्शन ने ही बनायी है. ऐसे में लगातार पुलों के ध्वस्त होने के बावजूद संवेदक को काली सूची में नहीं डालना संवेदक के साथ विभागीय जिम्मेवारों के साथ मिलीभगत का आरोप लाजिमी है.

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पुल के ध्वस्त होने से बुंडू, तमाड़ और सोनाहातू के दर्जनों गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. वहीं, हाराडीह स्थित क्षेत्र के प्राचीन महामाया मंदिर जाने के लिए अब श्रद्धालुओं को रांची-टाटा राजमार्ग 33 के सलगाडीह कैनल रोड से होकर आवागमन करना होगा. पुल के ध्वस्त होने से अब दर्जनों गांवों के लोगों को बुंडू पहुंचने के लिए करीब 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. अब लोग पैदल भी जा सकेंगे. यह पुल बुंडू, तमाड़ व सोनाहातू प्रखंड के दर्जनों गांव को जोड़ते हुए मिलन चौक ईचागढ़, सरायकेला जिला को संपर्क रोड में मिलाता था.

मालूम हो कि गत 27 अप्रैल को चक्रवाती तूफान के कारण बारिश से बुढाडीह-हाराडीह घाट पर बने इसे पुल का एक स्पॉन पूरी तरह जमींदोज हो जाने से दो स्लैप पूरी तरह से झुक गया था. इससे आवागमन पूरी तरह से ठप हो गयी थी. तब यह पुल सुर्खियां में आया था.

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पुल निर्माण की प्रक्रिया एवं संवेदक पर सवाल भी उठाया था. तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर एक जांच कमेटी बनायी गयी थी. जांच कमेटी में शामिल ग्रामीण विकास विभाग, विशेष प्रमंडल रांची- 1 के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आरके तिवारी एवं एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीके वर्मा ने गत 28 अप्रैल को कांची नदी पर टूटे पुल का निरीक्षण भी किया था.

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इधर, हाराडीह पुल का निर्माण मेसर्स एनके पांडे कंस्ट्रक्शन ने करायी है. पुल की प्राक्कलित राशि 14 करोड़ रुपये है. पुल का निर्माण वर्ष 2014-15 में शुरू हुआ था, जबकि वर्ष 2017-18 में कार्य पूरा हुआ. हालांकि, दोनों ओर पहुंच पथ के नहीं बनने से पथ का विधिवत उद्घाटन नहीं हुआ था.

Posted By : Samir Ranjan.

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