झारखंड में गर्मी के सितम ने बढ़ाया बिजली संकट, सिर्फ रांची सर्किल में 126 ट्रांसफॉर्मर जले
झारखंड में गर्मी के सितम की वजह से बिजली संकट बढ़ गया है. महज 12 दिन में 126 ट्रांसफॉर्मर जल गए. सोमवार को भी भीषण गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.
झारखंड में गर्मी का सितम जारी है. पलामू और गढ़वा जिले में सोमवार (17 जून) को भी लोगों को भीषण लू झेलनी होगी. भीषण गर्मी के बीच पूरे झारखंड में बिजली का संकट देखा जा रहा है. खासकर राजधानी में स्थित बहुत खराब है. महज 12 दिन में 126 ट्रांसफॉर्मर जल गए, जिन्हें बदलना पड़ा.
दबाव नहीं झेल पा रहा पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर
भीषण गर्मी की वजह से पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर दबाव नहीं झेल पा रहे. फलस्वरूप 12 दिन में रांची सर्किल में 126 ट्रांसफॉर्मर जल गए. हालांकि, जलने के बाद सभी ट्रांसफॉमर को बदल दिया गया. सबसे ज्यादा 15 ट्रांसफॉर्मर 10 जून को बदले गये. समय रहते खराब उपकरणों को बदलने के लिए ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप (टीआरडब्ल्यू) रांची, खूंटी और इटकी में अतिरिक्त कर्मियों को काम पर लगाया गया.
किस दिन कितने जले हुए ट्रांसफॉर्मर बदले गये
- 01 जून को 08 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 03 जून को 12 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 05 जून को 11 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 06 जून को 09 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 07 जून को 14 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 08 जून को 10 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 10 जून को 15 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 11 जून को 07 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 12 जून को 07 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 13 जून को 13 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 14 जून को 10 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
- 15 जून को 10 ट्रांसफॉर्मर बदले गए
रांची को राहत देने के लिए हटिया ग्रिड से लोहरदगा का लोड हटाया
इनलैंड पावर से लगातार दो दिन तक उत्पादन ठप रहने की वजह से ट्रांसमिशन जोन ने तात्कालिक व्यवस्था के तहत हटिया-2/220-132 केवीए ग्रिड के लोड को घटा दिया. यहां से लोहरदगा को 40-50 मेगावाट आपूर्ति की जाती है. राजधानी को राहत पहुंचाने के लिए इस पूरे लोड को मनोहरपुर ग्रिड पर शिफ्ट कर दिया गया. इससे नामकुम ग्रिड को इनलैंड से मिलने वाली 50 मेगावाट बिजली की कमी दूर कर ली गयी.
उत्पादन बाधित, सिकिदिरी पावर ग्रिड को नहीं मिली पूरी सप्लाई
बता दें कि शुक्रवार को पावर प्लांट से उत्पादन बाधित होने के कारण सिकिदिरी पावर ग्रिड को पूरी सप्लाई नहीं मिल पाई. इसका असर हटिया-2 ग्रिड पर देखा गया. देर रात तक लोड इतना बढ़ गया था कि स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से नामकुम ग्रिड को रात 11:00 बजे तक 150 मेगावाट की जगह सिर्फ 80 मेगावाट पर चलाने के निर्देश दिये गये थे. फलस्वरूप राजधानी रांची के एक बड़े हिस्से में बिजली संकट देखा गया.
मरम्मत के लिए टरबाइन बॉयलर को बंद कर ठंडा किया जायेगा
इनलैंड पावर के मुख्य बॉयलर से जुड़े स्टीम ट्यूब में लीकेज और एग्जॉस्ट में समस्या आने की बात सामने आयी है. इसकी मरम्मत में दो दिन का वक्त और लग सकता है. तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ही आपूर्ति की जायेगी. मरम्मत के लिए टरबाइन बॉयलर को बंद कर ठंडा किया जायेगा. हालांकि, राहत की बात यह है कि इससे पावर संकट नहीं खड़ा होगा.
रांची में बिजली की मांग 400 मेगावाट से पार
इधर, पीक आवर में अकेले हटिया-2 ग्रिड पर 346 मेगावाट लोड देखा गया. इसके अलावा कांके ग्रिड से 80 मेगावाट और बुढ़मू ग्रिड से मिलने वाली बिजली को अगर जोड़ दिया जाये तो अकेले रांची की खपत 400 मेगावाट को पार कर गयी है. दो दशकों के दौरान इस भीषण गर्मी में यह सर्वाधिक बिजली की मांग है.
ट्रांसफॉर्मर के जलने का मंडरा रहा था खतरा
इनलैंड पावर से बिजली का उत्पादन पूरी तरह से ठप होने से इसका पूरा दबाव हटिया-2 पर शिफ्ट हो गया था. इस कारण लगातार लो वोल्टेज से ट्रांसफाॅर्मर की ऑयल बॉयलिंग कैपेसिटी बढ़ रही थी. ऐसे में ट्रांसफाॅर्मर के जलने और इससे पावर सप्लाई ठप होने का खतरा मंडरा रहा था.
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