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हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट ने किस आधार पर दी जमानत, ईडी की दलीलों पर क्या बोले जज

Jharkhand News|Hemant Soren Bail Judgement| हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट ने किस आधार पर जमानत दी. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय के जजमेंट में क्या है?

Jharkhand News|Hemant Soren Bail Judgement|हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में शुक्रवार (28 जून) को झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. हेमंत सोरेन रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर आ गए. उन्होंने मीडिया को संबोधित किया. हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से कहा कि कोर्ट ने जो बातें कहीं हैं, उसकी आपलोग समीक्षा करें और उसके बारे में जनता को बताएं.

पूरे देश के लिए संदेश है झारखंड हाईकोर्ट का फैसला : हेमंत सोरेन

हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि झारखंड हाईकोर्ट का यह फैसला एक संदेश है. यह पूरे देश के लिए संदेश है. ऐसे में सबके जेहन में सवाल उठता है कि आखिर क्या है इस जजमेंट में. झारखंड हाईकोर्ट के माननीय जज जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए अपने फैसले में क्या-क्या टिप्पणी की है. जजमेंट की खास बातें हम आपको बताने जा रहे हैं.

जमीन पर कब्जे में हेमंत सोरेन की भूमिका के पक्के सबूत नहीं

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने अपने 55 पेज के फैसले में कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय का पूरा मामला संभावनाओं पर आधारित है. इस केस में इस बात का कोई पक्का सबूत नहीं है कि 8.86 एकड़ जमीन के कब्जे में याचिकाकर्ता (हेमंत सोरेन) की कोई सीधी भूमिका है. यह भी साबित नहीं होता कि इसकी आड़ में याचिकाकर्ता ने कोई ‘अपराध’ किया है.

55 पेज के फैसले में 53वें पेज पर जज ने कही ये बात

जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय ने अपने फैसले में 53 नंबर पेज पर लिखा है कि किसी भी रजिस्टर/रेवेन्यू रिकॉर्ड में इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं कि हेमंत सोरेन ने इस जमीन को खरीदा है या उस पर किसी तरह से कब्जा किया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि पीएमएलए एक्ट 2002 की धारा 50 के तहत कुछ लोगों ने बयान दर्ज कराए हैं. इन लोगों ने कहा है कि वर्ष 2010 में हेमंत सोरेन ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया.

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जमीन से बेदखल हुए लोगों ने कभी भी, कहीं भी नहीं की शिकायत

कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जिन लोगों ने ईडी के समक्ष बयान दिया कि याचिकाकर्ता ने उनकी जमीन पर दखल कर लिया, उन्होंने इसके खिलाफ कहीं शिकायत नहीं की. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता जब सत्ता से बाहर था, तब अपनी जमीन से बेदखल किए गए ये लोग संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करा सकते थे और न्याय मांग सकते थे.

हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के दावे को माना अस्पष्ट

कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के उस दावे को भी अस्पष्ट माना है, जिसमें ईडी ने कहा है कि उसने समय पर कार्रवाई की, जिसकी वजह से रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके जमीन को बिकने से बचाया जा सका. इसलिए कोर्ट के पास इस बात के पर्याप्त कारण हैं कि याचिकाकर्ता को इस मामले में निर्दोष मानते हुए उसे जमानत दे दी जाए.

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50-50 हजार के 2 निजी मुचलके पर हेमंत सोरेन को दी जमानत

हेमंत सोरेन को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि वह (हेमंत सोरेन) बेल पर रहने के दौरान कुछ गलत नहीं करेंगे. कोर्ट ने इस मामले में रंजीतसिंह ब्रह्मजीतसिंह शर्मा बनाम महाराष्ट्र सरकार एवं अन्य का उदाहरण दिया. कोर्ट ने 50-50 हजार रुपए के 2 निजी मुचलके पर हेमंत सोरेन को जमानत दे दी. बेल बांड भरे जाने के बाद हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए.

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