Jharkhand News, Hemant Soren news Today, नयी दिल्ली : कोरोना संकट के कारण झारखंड की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. राज्य के आंतरिक संसाधन से जरूरतों को पूरा करना कठिन है. राज्य और केंद्र के बीच राजस्व बंटवारे का नियम पुराना है. रॉयल्टी को लेकर केंद्र से विवाद होता रहता है. जबकि, राज्यों को खनिज के हिसाब से उचित रॉयल्टी मिलनी चाहिए. उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को नयी दिल्ली में कही.
श्री सोरेन ने नयी दिल्ली में आयोजित इमर्जिंग झारखंड कार्यक्रम ( emerging jharkhand program ) के बारे में भी विस्तार से बातें की. उन्होंने राज्य में निवेश को बढ़ाने का रोडमैप भी बताया. साथ ही झारखंड की मौजूदा राजनीतिक स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर बातें की. श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड में निवेश बढ़ाने के लिए आर्थिक सुधार किये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई राज्यों में खनिज संपदा नहीं है, लेकिन वे विकसित हैं. इसे देखते हुए झारखंड सरकार की ओर से विकास के तरीके में बदलाव करने पर विचार किया जा रहा है, ताकि समग्र विकास हो सके.
हरियाणा की तर्ज पर निजी क्षेत्र में 75 फीसदी नौकरी स्थानीय लोगों के देने के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भी चाहते हैं कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्षों पुरानी मांग है. केंद्र और कई राज्य में आदिवासी मामलों का मंत्रालय है, लेकिन उनकी अलग पहचान नहीं है. देश में बौद्ध और जैन धर्म को मान्यता है, जबकि आदिवासियों की आबादी कहीं अधिक है. ऐसे में अलग धार्मिक कोड मिलना चाहिए और केंद्र सरकार को तत्काल फैसला लेना चाहिए.
देश में विपक्ष के कमजोर होने के सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की मजबूत भूमिका जरूरी है. भले अभी विपक्ष कमजोर दिख रहा है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं रहेगा. क्षेत्रीय स्तर पर विपक्ष काफी मजबूत है. किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री ने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सिर्फ पेट्रोल, डीजल ही नहीं जरूरी सामान की कीमतें काफी बढ़ गयी है.
Posted By : Sameer Oraon