क्या खतरे में है झारखंड के DRDA कर्मचारियों की नौकरी, केंद्र सरकार ने आदेश जारी कर दिया है ऐसा सुझाव
अप्रैल से सभी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) बंद कर दिये जायेंगे. केंद्र सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है, साथ ही साथ उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि इसके अंतर्गंत काम करने वाले कर्मियों का विलय जिला परिषद/जिला पंचायत में कर दें.
Jharkhand News, Ranchi News रांची : केंद्र सरकार के आदेश पर एक अप्रैल 2022 से सभी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) बंद कर दिये जायेंगे. केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग ने इसकी सूचना राज्य सरकार को भेजी है. राज्य में ग्रामीण विकास अभिकरणों में संविदा पर करीब 500 कर्मचारी कार्यरत हैं. हालांकि इनका कार्यकाल मार्च 2022 तक ही है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग द्वारा भेजे गये पत्र में राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुझाव दिया गया है कि वह डीआरडीए में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का विलय जिला परिषद/जिला पंचायत में कर दें. वहीं, डीआरडीए में प्रतिनियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस कर दें. डीआरडीए में जो कर्मचारी नियमित रूप से नियुक्त हुए थे, उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार कहीं समायोजित किया जा सकता है. अगर यह संभव नहीं हो, तो उन्हें मनरेगा, पीएम पीएम आवास योजना, नेशनल सोशल असिस्टेंस प्रोग्राम आदि में रखने की कोशिश हो.
पिछले वर्ष ही केंद्र ने दी थी जानकारी :
पिछले वर्ष ही केंद्र ने डीआरडीए को दी जानेवाली आर्थिक सहायता बंद करने की बात कही थी. डीआरडीए को बंद करने के सिलसिले में केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के अवर सचिव संजीव कुमार के हस्ताक्षर से एक नवंबर 2021 को एक पत्र राज्य सरकार को भेजा गया है.
31 मार्च 2022 तक के फंड के ऑडिट का निर्देश :
केंद्र के पत्र में कहा गया है कि 31 मार्च 2022 तक डीआरडीए को मिले फंड का ऑडिट कराया जाये. साथ ही डीआरडीए में बचे हुए पैसों को जिला परिषद में ट्रांसफर कर दिया जाये. केंद्र के फैसले के अनुरूप वर्ष 1999 में गरीबी उन्मूलन की योजनाओं की निगरानी के लिए डीआरडीए का गठन किया गया था.
Posted by : Sameer Oraon