झारखंड की बेटी को मिला सोशल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड, सम्मान हासिल करने वाली बनी पहली भारतीय, अब आगे की ये है योजना
सत्र 2021 से 2022 के लिए लीहाई यूनिवर्सिटी की ओर से स्कॉलरशिप के तौर पर उसे 18000 डॉलर (13.20 लाख रुपये) दिये जायेंगे. शालवी ने यह स्कॉलरशिप जीमैट परीक्षा के जरिये हासिल की है. जीमैट में उसने श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए विश्व के टॉप 20 बी-स्कूल में आवेदन करने में सफल रही थी.
Jharkhand News, Ranchi News, Social Entrepreneurship Award 2021 रांची : रांची के मोरहाबादी की शालवी सिंह को ‘एसा पैकर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप अवार्ड’ मिला है. यह सम्मान हासिल करनेवाली वह पहली भारतीय बनी हैं. इसके तहत शालवी को यूएस की लीहाइ यूनिवर्सिटी की ओर से एक वर्ष के एमबीए प्रोग्राम के लिए स्कॉलरशिप मिलेगी. वह सोशल एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के साथ उसके प्रबंधन गुणों को हासिल करेंगी.
सत्र 2021 से 2022 के लिए लीहाई यूनिवर्सिटी की ओर से स्कॉलरशिप के तौर पर उसे 18000 डॉलर (13.20 लाख रुपये) दिये जायेंगे. शालवी ने यह स्कॉलरशिप जीमैट परीक्षा के जरिये हासिल की है. जीमैट में उसने श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए विश्व के टॉप 20 बी-स्कूल में आवेदन करने में सफल रही थी.
इसके बाद विभिन्न चरणों की परीक्षा में सफल होने के बाद उसका चयन अवार्ड के लिए हुआ. लीहाई यूनिवर्सिटी के अलावा शालवी ने टॉप बी-स्कूल पेस यूनिवर्सिटी न्यूयॉर्क व यूएससी में भी जगह बनाने में सफल रही थी.
जीएमएसी में पिछले छह वर्ष से है कार्यरत
शालवी वर्तमान में गुड़गांव स्थित ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल (जीएमएसी) में बतौर मार्केटिंग मैनेजर पद पर कार्यरत हैं. इस पद के तहत उसे ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में आयोजित होनेवाली जीमैट परीक्षा की रूट मैपिंग करती हैं. वह पिछले दो वर्ष के दौरान 18 देशों का भ्रमण कर चुकी हैं. वहीं पिछले छह वर्ष से काउंसिल से जुड़ी हुई हैं. उनका वर्तमान पैकेज सालाना 35 लाख रुपये है.
इससे पहले वह न्यू सिग्नल, पर्नेरिका जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी में भी काम कर चुकी हैं. शालवी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता डॉ सुरेंद्र सिंह (फिजिशियन) और मां बबीता सिंह को दिया है. उसने 12वीं तक की पढ़ाई डीपीएस से पूरी की है. इसके बाद किट यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर से कंप्यूटर साइंस में इजीनियरिंग की डिग्री हासिल की.
स्टार्टअप आइडिया को बनाया आधार
सोशल एंटरप्रेन्योरशिप की ओर अपने रुझान को लेकर शालवी ने बताया कि वह स्टार्ट-अप आइडिया ‘हेल्थ इंजन.टेक’ पर काम कर रही हैं. इसके लिए हेल्थ डायग्नॉस्टिक टूल तैयार करने में जुटी हैं. यह टूल इंसान के कफ और लंग्स की आवाज से बीमारी का पता लगाने में मददगार होगी. इससे डॉक्टर ब्लड टेस्ट से पहले ही बीमारी का अंदाजा लगा सकेंगे. शालवी ने बताया कि कोरोना काल के दौरान इन्होंने इस विषय पर रिसर्च करते हुए कई काम किये, जिससे उन्हें सफलता मिली है.
लीहाइ यूनिवर्सिटी यूएस की स्कॉलरशिप के जरिये करेंगी एक वर्ष का एमबीए कोर्स
सोशल एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए सुझाया था आइडिया
रांची के मोरहाबादी निवासी डॉ सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं
Posted By : Sameer Oraon