पैसा देने के बाद भी नहीं मिली जमीन, सालों से लटकी हैं सड़क परियोजनाएं, जानें पूरा मामला
वर्ष 2012 में भू-अर्जन के लिए विभाग ने गिरिडीह में जिला प्रशासन को राशि उपलब्ध करायी थी, लेकिन नौ साल बाद भी जमीन नहीं मिल सकी है. गिरिडीह जिले के कोदंबरी-मंडरो पथ के लिए विभाग ने वर्ष 2012 में करीब 20 करोड़ रुपये दिये थे.
मनोज लाल, रांची : पथ निर्माण विभाग से करोड़ों रुपये लेकर भी उसे सड़क परियोजनाओं के लिए जमीन उपलब्ध नहीं करायी जी रही है. इस कारण काम लटका है. वर्ष 2012 में भू-अर्जन के लिए विभाग ने गिरिडीह में जिला प्रशासन को राशि उपलब्ध करायी थी, लेकिन नौ साल बाद भी जमीन नहीं मिल सकी है. गिरिडीह जिले के कोदंबरी-मंडरो पथ के लिए विभाग ने वर्ष 2012 में करीब 20 करोड़ रुपये दिये थे.
इस तरह की कई परियोजनाएं हैं, जो जमीन नहीं मिलने के कारण शुरू नहीं हो सकी हैं. इसके अलावा कई ऐसी सड़कें हैं, जिसका निर्माण काफी हद तक हो गया है, लेकिन कुछ जगहों पर जमीन नहीं मिलने की वजह काम अधूरा है.
योजना की लागत भी बढ़ रही है: इंजीनियरों का कहना है कि सड़कें कई साल पहले बन जातीं, तो लागत कम होती. आज सड़क निर्माण की लागत काफी बढ़ गयी है. ऐसा जिला प्रशासन के भू-अर्जन कार्यालय की वजह से हो रहा है. जमीन नहीं मिलने का खमियाजा विभाग को भुगतना पड़ेगा.
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पथ निर्माण विभाग की ओर से भू-अर्जन के लिए दिया गया पैसा पड़ा है जिला प्रशासन के पास
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गिरिडीह के कोदंबरी-मंडरो पथ के लिए विभाग ने वर्ष 2012 में दिये थे करीब 20 करोड़ रुपये
ब्याज का पैसा भी खुद रख रहा प्रशासन
इंजीनियरों ने बताया कि जिला प्रशासन के पास पथ विभाग का करोड़ों रुपये भू-अर्जन के लिए पड़ा रहता है. इससे जिला प्रशासन को ब्याज भी मिलता है. इस ब्याज की राशि भी जिला प्रशासन ही रखता है. विभाग को केवल नुकसान ही हो रहा है. सड़क नहीं बनने का असर आम लोगों पर भी पड़ रहा है. आवागमन पर भी इसका असर पड़ रहा है.
जमीन नहीं मिलने से इन सड़कों का काम लटका
बकसपुर से गोविंदपुर सड़क
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हटिया-लोधमा सड़क
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दुमका रिंग रोड
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मेहरमा-ठाकुरगंगटी रोड
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धोतला मोड़ से नाला रोड
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बारीडीह से मरकच्चो सड़क
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कांठीटांड़ से पिठोरिया रोड
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जामताड़ा से लहरजोरी सड़क (वर्ष 2014 में दिया गया था पैसा)
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नया मोड़ से चैनपुर होते हुए रजरप्पा तक की सड़क
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पाकुड़ बाइपास रोड (वर्ष 2016 में भू-अर्जन के लिए पैसा दिया)
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पीटाजोरी-गुड़ाबंधा रोड (वर्ष 2017 में दिया गया पैसा)
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डोमचांच बाजार से पीपचो सड़क (वर्ष 2014 में दिया पैसा)
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बरमसिया से अगरकुदी-मिर्धा रोड (वर्ष 2016 में राशि दी)
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बहादुरपुर से खैरा चातर रोड (वर्ष 2018 में दिया था करीब 20 करोड़)
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अमरेश्वर धाम से तुपुदाना रोड
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महुआ से सिंदरी रोड (वर्ष 2018 में पैसा दिया)
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गिरिडीह के कोदंबरी-मंडरो पथ (2012 में 20 करोड़ दिया)
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राजधानी रांची की भी कुछ सड़कों का काम भू-अर्जन के कारण प्रभावित रहा
Post by: Pritish Sahay