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आम चुनाव के चौथे चरण में झारखंड की 4 लोकसभा सीटों पर भी वोटिंग हुई. अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 3 सीटों (सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा) के अलावा अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई. सबसे ज्यादा मतदान सिंहभूम (एसटी) सीट के मतदाताओं ने किया. सिंहभूम (एसटी) सीट पर 66.95 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
झारखंड के पलामू में सबसे कम 59.99 फीसदी मतदान
सिंहभूम (एसटी) के बाद खूंटी (एसटी) लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग हुई. यहां 65.82 फीसदी लोगों ने मतदान किया. लोहरदगा मे 62.60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जबकि पलामू में सबसे कम 59.99 फीसदी लोगों ने वोट डाले हैं. सोमवार (13 मई) को इन 4 लोकसभा सीटों पर शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हो गया.
देखते ही बन रहा था मतदाताओं का उत्साह
सभी लोकसभा क्षेत्रों में मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था. खासकर आदिवासी बहुल इलाकों के मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर लोकतंत्र के महापर्व (आम चुनाव 2024) में अपना योगदान दिया. सिंहभूम (एसटी) लोकसभा सीट के कई बूथों पर शाम 5 बजे (जब मतदान खत्म होने का समय था) के बाद भी बड़ी संख्या में मतदाताओं की लंबी-लंबी कतारें लगीं थीं.
नक्सलियों के वोट बहिष्कार की लोगों ने नहीं की परवाह
पश्चिमी सिंहभूम में नक्सलियों ने वोट बहिष्कार की घोषणा की. मतदान केंद्र की ओर जाने वाले रास्तों में पोस्टर और बैनर लगाए. पेड़ काटकर सड़क पर गिरा दी, लेकिन मतदाताओं का उत्साह ऐसा था कि उन्होंने इसकी परवाह किए बगैर उन पेड़ों को लांघकर मतदान किया और अपनी उंगली पर लोकतंत्र की मजबूती की निशानी नीली स्याही लगवायी.
खूंटी की महिला मतदाताओं में दिखा जबर्दस्त उत्साह
खूंटी लोकसभा क्षेत्र में भी मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा गया. खासकर महिलाओं में. आदिवासी वोटर पारंपरिक वेशभूषा में मतदान करने के लिए आए थे. एक मतदाता भगवान बिरसा मुंडा का रूप धरकर वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पहुंचा था. पारंपरिक वेश में पहुंचे मतदाता वहां मौजूद लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने थे.
लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में भी चरम पर था वोटर्स का उत्साह
लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में भी मतदाताओं का उत्साह चरम पर था. इस लोकसभा क्षेत्र में एक दुखद घटना यह हुई कि एक वोटर की मौत हो गई और उसकी पत्नी घायल हो गई. दरअसल, एक व्यक्ति पत्नी के साथ मतदान करने के लिए बूथ पर पहुंचा था. अधिकारियों ने उसे पहचान पत्र दिखाने को कहा. पहचान पत्र लाने के लिए वह अपने घर गया.
भीषण गर्मी के बीच पलामू में हुआ 59.99 फीसदी मतदान
लौटते समय पिकअप वैन ने उसे कुचल दिया. उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई. गुमला जिले के कई बूथ पर लोग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके बूथ तक पहुंचे लोकतंत्र को मजबूत करने में अपना अहम योगदान दिया. इन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पलामू में भीषण गर्मी के बीच लोग मतदान करने के लिए घरों से निकले. हालांकि, झारखंड में सबसे कम मतदान इसी लोकसभा सीट पर हुआ.
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