jharkhand news, rameshwar oraon news, Veer Budhu Bhagat Birth Anniversary latest update रांची : झारखंड शुरू से ही संघर्ष की धरती रही है. वीर बुधु भगत, बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिदो-कान्हू सहित हमारे कई अन्य पूर्वजों ने हमें अंग्रेजों के जुल्म व शोषण से बचाने व जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया और अपनी शहादत दी. ये बातें चान्हो के सिलागाईं में बुधवार को आयोजित अमर शहीद वीर बुधु भगत की जयंती पर आयोजित विकास मेला में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कही.
उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने हमें बचाया और यह सीख दी है कि बाहर से आये लोगों को मछली खिलाओ, लेकिन उन्हें दह मत दिखाओ. दह दिखाओगे तो मछली चोरी हो जायेगी. उन्होंने एक बार फिर बाहरी लोगों को दोना देने, लेकिन कोना नहीं देने की बात दोहरायी. कहा कि हम पुरखों के कहे अनुसार जमीन बचाने की बात बोलते हैं, तो लोग हमसे चिढ़ते हैं. शहर में बवाल मचता है. डॉ उरांव ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी को अपनी जमीन को हर हाल में बचा कर रखना है. झारखंड में कोना देने के कारण ही आदिवासी कोने में सिमट गये हैं. याद रखना है कि जमीन से ही संस्कृति, परंपरा व भाषा जुड़ी हुई है.
Posted By : Sameer Oraon