Jharkhand News : कांटाटोली फ्लाइओवर का संशोधित डीपीआर तैयार, अब बस टेंडर के लिए एसओआर का है इंतजार
कांटाटोली फ्लाइओवर का काम पिछले दो वर्षों से बंद है. फ्लाइओवर निर्माण की योजना को कैबिनेट ने वर्ष 2016 में मंजूरी दी थी. 2017 में इसका काम आवंटित किया गया था, लेकिन भू-अर्जन नहीं होने के कारण काम चालू नहीं हो सका. मई 2018 में भू-अर्जन का काम पूरा हुआ. जून 2018 में क्लियरेंस के बाद काम शुरू किया गया था.
Jharkhand News, Ranchi News, Kantatoli Flyover Project रांची : कांटाटोली फ्लाइओवर का संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गया है. अप्रैल माह के अंत तक नगर विकास विभाग द्वारा डीपीआर स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. विभाग यह मान कर चल रहा है कि इस दौरान राज्य सरकार का नया शिड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) भी जारी कर दिया जायेगा. एसओआर तय होने के बाद विभाग पिछले दो वर्षों से अधूरे पड़े कांटाटोली फ्लाइओवर को पूरा करने के लिए टेंडर आमंत्रित करेगा.
दो सालों से बंद है काम :
कांटाटोली फ्लाइओवर का काम पिछले दो वर्षों से बंद है. फ्लाइओवर निर्माण की योजना को कैबिनेट ने वर्ष 2016 में मंजूरी दी थी. 2017 में इसका काम आवंटित किया गया था, लेकिन भू-अर्जन नहीं होने के कारण काम चालू नहीं हो सका. मई 2018 में भू-अर्जन का काम पूरा हुआ. जून 2018 में क्लियरेंस के बाद काम शुरू किया गया था.
जून 2020 तक कांटाटोली फ्लाइओवर बन कर तैयार हो जाना चाहिए था. लेकिन, अब तक 132 पाइल, दो पाइल कैप और एक पिलर की ही कास्टिंग हो सकी है. फ्लाइओवर की प्रस्तावित लंबाई लगभग 2300 मीटर है. पहले कांटाटोली फ्लाइओवर का निर्माण बहुबाजार की ओर से वाइएमसीए से लेकर कोकर स्थित शांतिनगर तक होना था. अब बहुबाजार की ओर से योगदा सत्संग आश्रम तक फ्लाइओवर के विस्तार की योजना है.
40 करोड़ का डीपीआर 100 करोड़ से ऊपर हो जायेगा
कांटाटोली फ्लाइओवर का डीपीआर बढ़ कर 100 करोड़ से अधिक हो जायेगा. वर्ष 2017 में फ्लाइओवर का प्रारंभिक डीपीआर 40 करोड़ रुपये था. काम शुरू होते-होते यह बढ़कर 84 करोड़ हो गया. फिर तकनीकी खामियों को पकड़ने की बात करते हुए काम रोक दिया गया. अब 84 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में लगभग 20 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है. यह राशि फ्लाइओवर के लिए भूमि अधिग्रहण पर होनेवाले खर्च से अलग है.
कांटाटोली फ्लाइओवर का डीपीआर लगभग तैयार हो गया है. इस माह के अंत तक डीपीआर स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास किया जायेगा. टेंडर के बाद 18 महीनों में निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है.
– विनय कुमार चौबे, सचिव, नगर विकास विभाग
Posted By : Sameer Oraon