Loading election data...

Jharkhand News : अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी भवनों के लिए वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य, जानें किन कारणों से लिया गया ये फैसला

बिल्डिंग बाइलॉज 2021 में भवनों की ऊंचाई के लिए पूर्व में किये गये प्रावधान को शिथिल किया गया है. पहले शहरों में 1,000 वर्गमीटर के प्लॉट पर जी प्लस फोर तक का ही भवन प्लान स्वीकृत करने का नियम था. इसमें संशोधन करते हुए सेटबैक उपलब्ध होने पर जी प्लस फाइव या उससे अधिक ऊंचा भवन बनाने की छूट दी गयी है. बाइलॉज में किये गये इस संशोधन से बिल्डरों को बड़ी राहत दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | March 17, 2021 7:12 AM

Jharkhand News, Ranchi News, Water harvesting system in jharkhand रांची : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में बननेवाले भवनों के लिए भी अब वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य कर दिया गया है. नगर विकास विभाग ने पूर्व के बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन किया है. इसकी अधिसूचना मंगलवार को जारी की गयी. संशोधित बिल्डिंग बाइलॉज 2021 के तहत यह नियम बना है. अब शहरों की तर्ज पर वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान किये बिना ग्रामीण इलाकों में भी भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी.

शहरों में हजार मीटर के प्लॉट पर जी प्लस फोर से ऊंचे भवन बनेंगे :

बिल्डिंग बाइलॉज 2021 में भवनों की ऊंचाई के लिए पूर्व में किये गये प्रावधान को शिथिल किया गया है. पहले शहरों में 1,000 वर्गमीटर के प्लॉट पर जी प्लस फोर तक का ही भवन प्लान स्वीकृत करने का नियम था. इसमें संशोधन करते हुए सेटबैक उपलब्ध होने पर जी प्लस फाइव या उससे अधिक ऊंचा भवन बनाने की छूट दी गयी है. बाइलॉज में किये गये इस संशोधन से बिल्डरों को बड़ी राहत दी गयी है.

ग्रुप हाउसिंग में फायर टेंडर का रास्ता होने पर ही बनेगी बालकोनी :

बिल्डिंग बाइलाज में सुरक्षा कारणों से भी संशोधन किया गया है. आग लगने या अन्य दुर्घटना की स्थिति में फायर टेंडर के जाने की जगह होना भवन प्लान में अनिवार्य किया गया है. कहा गया है कि एक प्लॉट पर दो या अधिक ब्लॉक होने की स्थिति में भवन के पहले तल्ले पर बालकोनी तभी दी जा सकती है,

जब पहले तल्ले की बालकोनी पर फायर टेंडर जाने के लिए 4.5 मीटर की जगह उपलब्ध होगी. बाइलॉज में किये गये एक अन्य संशोधन के मुताबिक भवन के ऊपर पैरापेट (छत की बाउंड्री) और पानी की टंकी छिपाने के लिए सूटेबल हाइट का निर्धारण नक्शा पास करनेवाली एजेंसी करेगी. पूर्व में पैरापेट के लिए 1.8 मीटर की ऊंचाई निर्धारित थी.

नगर विकास विभाग ने पूर्व के बिल्डिंग बाइलॉज में किया परिवर्तन, अधिसूचना जारी

वाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान करने के बाद ही ग्रामीण इलाकों में भी होगा भवन निर्माण

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version